मुंबई: मुंबई विस्फोटक मामले में सचिन वझे की मुसीबतें और बढ़ गई हैं. एंटीलिया मामले में गिरफ्तारी के बाद वझे को सेशन कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 25 मार्च तक NIA की हिरासत में भेज दिया. इससे पहले ठाणे सेंशन कोर्ट ने सचिन वझे की अंतरिम राहत को खारिज कर दिया था.
25 मार्च तक कस्टडी में रहेंगे सचिन
जिस सचिन वझे की पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रुप में ही थी, वो अब NIA के शिकंजे में है. 25 मार्च तक वो NIA की कस्टडी में रहेंगे. मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक भरी गाड़ी के मामले में NIA ने एक्शन लिया है. NIA ने मुंबई पुलिस के सचिन वझे को गिरफ्तार किया है. वझे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए शुक्रवार को ही ठाणे की कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने सचिन वझे को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
NIA ने शनिवार की रात सचिन वझे को IPC की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 बी और 4 (ए) (बी) (आई) एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट 1908 के तहत गिरफ्तार कर लिया है.
मनसुख हिरेन की मौत के बाद उनकी पत्नी ने सचिन पर हत्या का आरोप लगाया था. इसके बाद से उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही थी. मनसुख की पत्नी ने खुलासा किया कि विस्फोटक वाली स्कार्पियो कार पिछले चार महीने से API सचिन वझे ही इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने ATS को दर्ज कराए अपने बयान में भी सचिन वझे पर ही हत्या का शक जाहिर किया. ये आरोप विमला हिरेन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र के जरिए लगाए थे. इसका खुलासा पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में पिछले हफ्ते किया.
नाम आने के बाद हुआ था तबादला
मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे का तबादला नागरिक सुविधा केंद्र में कर दिया गया था, जो कि पुलिस की एक इकाई है. दरअसल मनसुख हिरेन की मौत के मामले में सचिन वझे का नाम सामने आने के बाद उनका तबादला किया गया था.
मुंबई में बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को एक गाड़ी में विस्फोटक मिला था. जो मनसुख हिरेन की गाड़ी थी. जिसके बाद से मनसुख से लगातार थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही थी. इस बीच ठाणे में मनसुख हिरेन का शव मिलने के बाद शक और गहरा गया था. मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र ATS ने पिछले हफ्ते सचिन वझे का बयान दर्ज किया था.
सचिन वझे को 2004 में ख्वाजा यूनुस की कथित तौर पर हिरासत में मौत के मामले में भी सस्पेंड किया गया था. जिसके बाद 2020 में सचिन वझे की सेवाएं बहाल कर दी गईं थी.
सचिन वझे के नार्को टेस्ट की मांग
महाराष्ट्र बीजेपी ने सीएम उद्धव ठाकरे से वझे के नार्को टेस्ट की मांग की है. भाजपा नेता रामकदम ने कहा कि सचिन वझे की नार्को टेस्ट की जाए यह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से हमारी मांग है. दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. तो वहीं शिवसेना मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वझे का समर्थन कर रही है.
संजय राउत ने वकालत करते हुए कहा कि 'सचिन वझे अच्छे अधिकारी हैं. मुंबई पुलिस भी मामले की जांच कर सकती थी.' शिवसेना जहां वझे का बचाव कर रही है तो वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सीएम उद्धव पर हमला करते हुए कहा कि 'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री उनकी रक्षा कर रहे थे, जैसे कि वे उनके वकील हो.'
कौन हैं सचिन वझे? जानिए इतिहास
सचिन ने 1990 में महाराष्ट्र पुलिस ज्वाइन की. उसकी पहली पोस्टिंग गढ़चिरोली में हुई. 1992 में मुंबई के ठाणे ट्रांसफर हुआ. ठाणे में उसे स्पेशल स्क्वाड का इंचार्ज बनाया गया. सचिन ने छोटा राजन और दाउद के कई गुर्गों का एनकाउंटर किया. एक रिपोर्ट के मुताबिक 63 एनकाउंटर किए. सचिन वझे की एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान बनी.
2002 घाटकोपर ब्लास्ट के आरोपी यूनुस की मौत मामले में 2004 में सस्पेंड हुए. इसके बाद 2007 में इस्तीफा देकर शिवसेना ज्वाइन की, हालांकि इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ. सस्पेंशन के 16 साल बाद 2020 में फिर से मुंबई पुलिस में वापसी हुई. पुलिस विभाग में वापस आए तो उन्हें क्राइम ब्रांच के सीआईयू यानी कि क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का चीफ बनाया गया.
सचिन वझे को सोशल मीडिया फॉलोअर्स केस की जांच की जिम्मेदारी मिली. अन्वय नायक सुसाइड मामले टीम को लीड कर रहे थे. टीआरपी घोटाले की जांच की भी जिम्मेदारी मिली और एंटीलिया केस की जांच भी कर रहे थे.
क्या है पूरा मामला? सिलसिलेवार तरीके से समझिए
आखिर मुंबई पुलिस के encounter specialist को क्यों गिरफ्तार किया गया? विस्पोटकों से भरी कार का सचिन वझे के साथ क्या कनेक्शन है और क्यों कार के मालिक की मौत का आरोप सचिन वझे पर लगा है. सिलसिलेवार तारीके से आपको बताते हैं.
25 फरवरी को पैडर पर मौजूद एंटीलिया बंगले से कुछ ही दूरी पर जिलेटिन की छड़ो से भरी एक स्कार्पियो कार मिलती है. सूचना मिलने के साथ ही स्पॉट पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिस अधिकारियों में क्राइम ब्रांच के सचिन वझे होते है. इस कार से एक धमकी भरा नोट और मुंबई इंडियन के बैग और कई सारी फेक नंबर प्लेट्स भी बरामद होते हैं.
CCTV से पता चलता है कि जब ये स्कार्पियो कार पार्क की गई तो उसके पीछे एक इनोवा कार में भी एक शख्स मौजूद था. स्कार्पियो कार में बैठा शख्स कार को पार्क करने के बाद पीछे वाले गेट से उतरता है और इनोवा कार में बैठकर निकल जाता है. इनोवा कार और स्कार्पियो कार का नंबर प्लेट फर्जी पाया जाता है. CCTV बताते है कि ये इनोवा कार मुलुंड टोल नाके से निकल कर गायब हो जाती है. इस दौरान शहर की किसी भी CCTV में कार में बैठे दोनों संदिग्धों की तस्वीर पकड़ में नही आती है.
महज कुछ दिन के बाद स्कार्पियो कार का असली मालिक मनसुख हिरेन सामने आता है. खुद सचिन वझे, मनसुख को अपनी कार में ड्राइव करके पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफिस लाते हैं. इसके बाद कांदिवली पुलिस स्टेशन, विक्रोली पुलिस स्टेशन, क्राइम ब्रांच ऑफिस के बड़े अधिकारी, महाराष्ट्र ATS के अधिकारी लगातार मनसुख हिरेन से पूछताछ करते हैं.
मनसुख के मुताबिक उसकी स्कार्पियो कार विक्रोली हाईवे पर खराब हो गई थी, जिसे वो वही छोड़कर टैक्सी लेकर आगे चला गया था. जहां से कार चोरी हो जाती है और फिर इसी कार का इस्तेमाल संदिग्धों ने किया था. इस दौरान NIA भी अलग से इस मामले की जांच अपने स्तर पर शुरू कर देती है, हालांकि इस मामले में NIA ने कोई मामला दर्ज नहीं किया होता है.
सचिन वझे पर क्या आरोप?
2 मार्च को मनसुख CM महाराष्ट्र, गृहमंत्री अनिल देशमुख, CP मुंबई, CP ठाणे के नाम एक खत लिखता है. जिसमें वो पूछताछ के नाम पर खुद को प्रताड़ित करने की शिकायत करता है, लेकिन महज दो दिन बाद 4 मार्च की रात को मनसुख आत्महत्या कर लेता है.
यही से सचिन वझे को लेकर शक गहराना शुरू होता है. यहां से दो मामले में जांच होती है. पहला- एंटीलिया बिल्डिंग के बाहर खड़ी स्कोर्पियो कार का मामला जिसमे जिलेटिन की छडे भरी होती है. दूसरा- मनसुख की मौत का मामला..
8 मार्च को NIA, एंटीलिया बिल्डिंग के बाहर जिलेटिन की छड़ो से भरी स्कोर्पियो कार के मामले में जांच अपने हाथ मे ले लेती है जबकि मनसुख की पत्नी की शिकायत पर 6 मार्च को ही महाराष्ट्र ATS हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर देती है. NIA एंटीलिया बिल्डिंग के बाहर, ठाणे इलाके में जाकर सीन रिक्रिएशन भी करती है.
13 मार्च को सुबह के 11.05 बजे NIA, सचिन वझे को पूछताछ के लिए बुलाती है और करीब 13 घंटे की पूछताछ के बाद रात को 11.50 पर सचिन वझे को एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ों से भरी कार पार्क करने के मामले में प्लानिंग और कांस्पिरेसी रचने के मामले में गिरफ्तार कर लिया जाता है.
वही शनिवार देर रात एनआईए ऑफिस में एक सफेद इनोवा कार लाई जाती है आशंका जताई जा रही है कि यह इंनोवा कार वही है, जो अम्बानी के घर के पास स्कॉर्पियों के पीछे से निकली थी. संदिग्ध इनोवा कार है, जिसमें स्कॉर्पियों का ड्राइवर निकालकर भागा था. इस इनोवा कार को लास्ट 25 फरवरी को मुलुंड टोल नाके पर लगे सीसीटीवी में देखा गया था.
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मुंबई में शनिवार को महाराष्ट्र पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वझे को कार मालिक मनसुख की संदिग्ध मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया है. मनसुख की स्कॉर्पियो कार उद्योगपित मुकेश अंबानी के एंटीलिया हाउस के बार खड़ी मिली थी जिसमें विस्फोटक भरे हुए थे.
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