राज्यसभा में बोले शाह- और न भड़के दंगा इसलिए चर्चा के लिए मांगा था वक्त

राज्य सभा में शाह ने कहा कि दंगे को सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्से में ही समेट दिया गया था. इसके अलावा इस पर 36 घंटे में ही काबू पा लिया गया. इसके बाद तेजी के साथ शांति स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए गए. मामले में दो हजार से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं. वहीं सभी गिरफ्तारियां साइंटफिक तरीके से हुई हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 12, 2020, 07:44 PM IST
    • शाह बोले दंगे को सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्से में ही समेट दिया गया था
    • दिल्ली पुलिस ने इस पर 36 घंटे में ही काबू पा लिया था
राज्यसभा में बोले शाह- और न भड़के दंगा इसलिए चर्चा के लिए मांगा था वक्त

नई दिल्लीः दिल्ली हिंसा को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा हुई. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने बेबाकी से सवालों के जबाव दिए और दो टूक कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि दिल्ली दंगा को लेकर सदन की चर्चा से भागें. शाह ने कहा कि इस चर्चा के माध्यम से यह संदेश न जाए कि हम कुछ चीजों को बचाना चाहते थे या भागने चाहते थे.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का उस जगह पहुंच चुका है, जहां से कोई भी बात छिप नहीं सकती है. अमित शाह ने कहा कि कहीं और दंगा और हो जाए, दंगाइयों को पकड़ा जाए और इसलिए हमने सदन में चर्चा को लेकर थोड़ा वक्त मांगा था. 

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कपिल सिब्बल ने कहा वायरस अटैक
सिब्बल ने दिल्ली दंगों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दिल्ली में हिंसा के पीछे एक वायरस है. इस वायरस को भड़काऊ भाषणों के जरिए फैलाया गया. भाषण देने वालों पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया. 
सिब्बल ने शाह पर निशाना साधा कि आप तो लौह पुरुष हैं. सरदार पटेल की जगह पर बैठे हैं.

अपने सरदार का कुछ तो ख्याल कीजिए. उन्होंने कभी नहीं चाहा होगा कि दिल्ली में ऐसा होगा. सिब्बल ने आरोप लगाया कि दिल्ली दंगों में चुप रहने के लिए ऊपर से इशारा किया गया था. उन्होंने कहा, दिल्ली दंगों के दौरान पीएम मोदी और आप ट्रंप के स्वागत में व्यस्त थे. केंद्र सरकार की ओर से इस दौरान कोई बयान नहीं आया. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या पुलिस को कोई इशारा दिया गया था. 

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गृहमंत्री ने सवालों के दिए जवाब
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने इन सभी मुद्दों पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि दंगे को सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्से में ही समेट दिया गया था. इसके अलावा इस पर 36 घंटे में ही काबू पा लिया गया. इसके बाद तेजी के साथ शांति स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए गए. मामले में दो हजार से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं.

वहीं सभी गिरफ्तारियां साइंटफिक तरीके से हुई हैं. गृहमंत्री ने और क्या कहा, डालते हैं एक नजर-

शाह ने कहा कि-

  • दिल्ली दंगा मामले में 700 एफआईआर दर्ज कर ली गई है. 2,647 गिरफ्तारी हुई है और वो सभी गिरफ्तारी साइंटिफिक तरीके से की जा रही है.
  • लोगों की पहचान के लिए ड्राईविंग लाइसेंस जैसी चीजों का सहारा लिया जा रहा है.  
  • आधार के इस्तेमाल से चेहरा नहीं पहचाना जा रहा है. 
  • इस हिंसा के दौरान लोगों ने देशी हथियारों का इस्तेमाल किया है. इसकी भी जांच जारी है. 
  • जांबाज आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा और दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल हत्यारोपियों हिरासत में हैं. के हत्यारे को पकड़ कर उसे हिरासत में ले लिया गया है.
  • दंगों को सिर्फ 4 प्रतिशत क्षेत्र तक दिल्ली पुलिस ने सीमित रखा
  • दिल्ली के बाकि कई इलाकों में हिन्दू-मुसलमान साथ रहते हैं, लेकिन कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. 
  • केवल 36 घंटे तक ही यह दंगा हुआ है, जो पुलिस की बड़ी कामयाबी. 
  • नागरिकता कानून के कारण देश के मुसलमान भाइयों के मन में शंका का वातावरण है. 
  • शाह ने कहा कि नागरिकता कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी. 
  • शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर आपत्ति नहीं थी. 
  • 15 दिसंबर को रामलीला मैदान में रैली हुई और उसमें कहा गया कि आप घर से बाहर निकलिए. 
  • उसके बाद से दंगे और हिंसात्मक रुख लोगों ने अपनाया. लोग शाहीन बाग में बैठें है.

 

 

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