अजीत पवार से मुलाकात को लेकर संजय राउत ने भ्रम फैलाने की बात कही तो शरद पवार बोले- बीजेपी में शामिल...

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को दोहराया कि उनकी पार्टी का बीजेपी में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि यह 'एनसीपी की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप नहीं है.' 83 वर्षीय राकांपा प्रमुख ने स्पष्ट कर दिया कि उनके गुट से कोई भी बीजेपी के साथ नहीं जाएगा. इससे इस संबंध में सभी अटकलें खारिज हो गईं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 14, 2023, 02:07 PM IST
  • 'बीजेपी के साथ नहीं जाएगी एनसीपी'
  • संजय राउत ने दी थी तीखी प्रतिक्रिया
अजीत पवार से मुलाकात को लेकर संजय राउत ने भ्रम फैलाने की बात कही तो शरद पवार बोले- बीजेपी में शामिल...

नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को दोहराया कि उनकी पार्टी का बीजेपी में शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि यह 'एनसीपी की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप नहीं है.' 83 वर्षीय राकांपा प्रमुख ने स्पष्ट कर दिया कि उनके गुट से कोई भी बीजेपी के साथ नहीं जाएगा. इससे इस संबंध में सभी अटकलें खारिज हो गईं.

बीजेपी के साथ नहीं जाएगी एनसीपीः पवार
पवार ने घोषणा की, 'हमारे कुछ सहयोगियों ने इस मुद्दे पर अलग रुख अपनाया है. हमारे 'शुभचिंतक' ऐसे प्रयास कर रहे हैं. एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मैं कहता हूं कि एनसीपी भाजपा के साथ नहीं जाएगी.' उन्होंने यह भी कहा कि राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के रिश्तेदार को बीजेपी में शामिल करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईसी) से नोटिस दिया गया था.

पवार ने इससे पहले की थी अजीत के साथ बैठक
पवार ने कहा, 'केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पाटिल पर दबाव बनाने के लिए उनके रिश्तेदार को ईडी नोटिस भेजा गया है.' राकांपा नेता के बयान तब आए, जब उन्होंने और पाटिल ने सप्ताहांत में राकांपा (एपी) नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. इससे राजनीतिक अफवाहें उड़ गईं.

शरद पवार ने कहा कि अजित उनके भतीजे हैं और वह उनसे परिवार के पितातुल्य के रूप में मिले और सोचा कि यह मीडिया में इस तरह की आधारहीन चर्चा का विषय क्यों बनना चाहिए. 

संजय राउत ने दी थी तीखी प्रतिक्रिया
बैठकों पर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के साझेदार शिव सेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आईं, जिन्होंने अफसोस जताया कि इस तरह की बार-बार की जाने वाली कार्रवाइयां सहयोगियों और कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करती हैं. शरद पवार ने कहा कि एमवीए एकजुट है और सहयोगियों - कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच भ्रम का कोई कारण नहीं है, क्योंकि इसकी विचारधारा भाजपा के विरोध में है.

बात दें कि 1 जुलाई को अजित पवार के पार्टी से अलग होने और 2 जुलाई को सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने के लगभग छह सप्ताह बाद राकांपा सुप्रीमो अपनी पहली यात्रा पर अपने गृह नगर बारामती पहुंचे.

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