Shraddha Murder Case: अदालत में आफताब का कबूलनामा! बताया क्यों की श्रद्धा की हत्या?

Aftab Poonawala: अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने मंगलवार को साकेत कोर्ट में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से कहा कि मुझे उकसाया गया, जिसके कारण मैंने उसे मार दिया. आफताब को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 22, 2022, 05:53 PM IST
  • जल्द ही होगा आफताब का नार्को टेस्ट
  • सीबीआई जांच के अनुरोध की याचिका हुई खारिज
Shraddha Murder Case: अदालत में आफताब का कबूलनामा! बताया क्यों की श्रद्धा की हत्या?

नई दिल्ली: अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने मंगलवार को साकेत कोर्ट में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से कहा कि मुझे उकसाया गया, जिसके कारण मैंने उसे मार दिया. आफताब को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. अदालत में आरोपी ने कहा, मुझे उकसाया गया था, जिसके कारण मैंने मारा. अदालत ने आफताब की पुलिस हिरासत चार दिन और बढ़ा दी.

जल्द ही होगा आफताब का नार्को टेस्ट

सुनवाई के दौरान जज ने आफताब से पूछा कि क्या पूछताछ के दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई या उन्हें कोई परेशानी थी. आफताब के वकील अविनाश कुमार ने बताया कि उसने अदालत से कहा कि वह सहयोग कर रहा है, लेकिन वह एक बार में सब कुछ याद नहीं कर सकता और जब उसे याद आएगा तो वह सूचित करेगा. उसने न्यायाधीश को यह भी बताया कि उसे उकसाया गया था, जिसके कारण उसने मारा.

कुमार ने कहा, पुलिस सबूत इकट्ठा करने के लिए शायद उसे साइट के दौरे पर ले जाएगी. नार्को टेस्ट जल्द ही कराया जाएगा. आफताब ने अपने परिवार से मिलने का अनुरोध किया है, जिसके लिए अदालत ने अनुमति दे दी है. साकेत कोर्ट ने पुलिस को नार्को एनालिसिस से पहले पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत दे दी है.

सीबीआई जांच के अनुरोध की याचिका हुई खारिज

इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस ने बताया कि आफताब द्वारा श्रद्धा की हत्या की जांच 80 फीसदी पूरी हो चुकी है. दिल्ली पुलिस द्वारा श्रद्धा हत्याकांड की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रांसफर करने की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) सोमवार को दायर की गई थी, लेकिन मंगलवार को अदालत ने याचिका खारिज कर दी.

याचिका में, याचिकाकर्ता एडवोकेट जोशिनी तुली ने आरोप लगाया कि महरौली पुलिस की जांच प्रशासनिक/कर्मचारियों की कमी के साथ-साथ सबूतों और गवाहों का पता लगाने के लिए पर्याप्त तकनीकी और वैज्ञानिक उपकरणों की कमी के कारण प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रही है, क्योंकि घटना लगभग छह महीने पहले मई 2022 में हुई थी.

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