नई दिल्लीः बढ़ती महंगाई में जब खर्च चलाना मुश्किल हो तब नाममात्र के वेतन से गुजर बसर करना होम गार्ड के लिए काफी कठिन होता है. लेकिन, अब उम्मीद जताई जा रही है कि होम गार्ड का वेतन बढ़ सकता है. सरकार इस दिशा में कदम उठा सकती है.
होम गार्ड के वेतन पर पुनर्विचार करेंः SC
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा में होम गार्ड के कम वेतनमान को लेकर नाखुशी जाहिर की है और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह 9,000 रुपये प्रति माह के वेतन को लेकर पुनर्विचार करे. न्यायमूर्ति एम आर शाह और बी वी नागरत्न की पीठ ने कहा कि ओडिशा में होम गार्ड को हर महीने के केवल 9,000 रुपये भुगतान किया जा रहा है, जो 300 रुपये प्रतिदिन होता है.
शीर्ष अदालत ने यह भी संज्ञान लिया कि कई होम गार्ड ऐसे भी हैं, जो 15 साल से अधिक समय से कार्य कर रहे हैं जबकि राज्य के पुलिसकर्मियों को करीब 21,700 रुपये प्रति माह का वेतन मिल रहा है.
'यह एक तरह से शोषण के अलावा और कुछ नहीं'
पीठ ने कहा, 'प्रति माह 9,000 रुपये का भुगतान करना, एक तरह से शोषण के अलावा और कुछ नहीं है. एक होमगार्ड कैसे 9,000 रुपये प्रति माह के भुगतान पर अपने परिवार के सदस्यों का पालन-पोषण कर सकता है, जबकि वह लगभग अन्य पुलिसकर्मियों के समान ही कर्तव्यों का पालन कर रहा है.'
अदालत ने राज्य सरकार को होम गार्ड के वेतन पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ओडिशा उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी.
जुलाई 2022 में होगी मामले की सुनवाई
हाई कोर्ट ने ओडिशा सरकार को 10 नवंबर, 2016 के बजाय जनवरी, 2020 से होमगार्ड को प्रतिदिन 533 रुपये की दर से भुगतान करने का निर्देश दिया था. उच्चतम न्यायालय ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जुलाई 2022 में इस मामले की सुनवाई करेगा.
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