नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलकर प्रवर समिति के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्यसभा के सभापति आम आदमी पार्टी विधायक की माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और आगे का रास्ता तलाशने का प्रयास करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट 'आप' सांसद की याचिका पर सुनवाई दिवाली की छुट्टियों के बाद निर्धारित की, अटॉर्नी जनरल से इस मामले में आगे के घटनाक्रम की जानकारी देने को कहा.
'आप सभापति से मिलें और माफी मांग लें'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपने बगैर शर्त माफी की बात कही थी और बेहतर होगा कि आप चेयरमैन से समय लेकर उनसे मिलें. उनकी सुविधा के अनुसार उनके घर, ऑफिस या सदन में जाकर माफी मांग लें. यह सदन और उपराष्ट्रपति सह राज्य सभा के सभापति की गरिमा का मामला है.
'राघव को माफी मांगने में कोई समस्या नहीं'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राघव चड्ढा के वकील शादान फरासत ने कहा कि राज्यसभा में राघव सबसे युवा सदस्य हैं. उनको माफी मांगने में कोई समस्या नहीं है. वह पहले भी क्षमा मांग चुके हैं. वहीं इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राघव जल्द से जल्द यह कर लें.
दिवाली के बाद हो सकती है मुलाकातः मेहता
वहीं शादान ने कहा कि राघव चड्ढा को निलंबित करने का प्रस्ताव पूरे सदन ने पास किया था लेकिन सभापति इसे अपने स्तर पर रद्द कर सकते हैं. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सभापति से दिवाली के बाद मुलाकात हो सकती है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि मानसून सत्र के दौरान अगस्त में राघव चड्ढा को निलंबित कर दिया गया था. चड्ढा पर आरोप था कि उन्होंने दिल्ली राजधानी क्षेत्र (संशोधन) विधेयक 2023 को सदन की प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव करने के लिए कुछ सदस्यों की मंजूर लिए बगैर ही उनका नाम लिया था.
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