कश्मीर में सुरक्षाबलों का पराक्रम देख, आतंकियों में मची भगदड़

आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों के प्रहार से कश्मीर घाटी के आतंकियों में दहशत है. दहशत इतनी है कि उनमें अब भगदड़ मच गई है. मौत को करीब देखकर आतंकियों ने अपना ठिकाना ही बदल लिया है. दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों के दबाव से परेशान आतंकवादी अब अपना इलाका और रणनीति दोनों बदल रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 22, 2020, 04:52 AM IST
    • कश्मीर में आतंकवादियों ने बदले ठिकाने
    • सुरक्षाबलों का पराक्रम, आतंकियों में भगदड़
    • सुरक्षाबलों का अभियान, आतंकियों में दहशत
कश्मीर में सुरक्षाबलों का पराक्रम देख, आतंकियों में मची भगदड़

नई दिल्ली: मंगलवार को जब सुरक्षाबलों ने श्रीनगर में दो आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था. आतंकी ने सुरक्षाबलों को चकमा देने की कोशिश की लेकिन वो बच नहीं सका. कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ जबरदस्त अभियान छेड़ रखा है. सुरक्षाबल चुन-चुन कर आतंक के कमांडरों को उनके अंजाम तक पहुंचा रहे हैं, सुरक्षाबलों के अभियान से आतंकी सहम गए हैं और अब वो दूसरे इलाकों में भाग रहे हैं.

कश्मीर में आतंकवादियों ने बदले ठिकाने

दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन से परेशान आतंकवादी बौखला गए हैं. इसीलिए अब आतंकी अपना इलाका और रणनीति दोनों बदल रहे हैं.

भारतीय सेना की ताकत और संकल्प से खौफजदा कुछ कुछ आतंकियों ने साउथ कश्मीर से अपना ठिकाना बदल लिया है. पीर पंजाल के दक्षिण में किश्तवाड़ के जंगलों का रुख करके आतंकवादियों ने ये साबित कर दिया है कि उनके ज़ेहन में मौत का खौफ पनपा हुआ है. आपको बता दें कि करीब पिछले एक दशक से आतंकवादियों को इसी पीर पंजाल के दक्षिण के डोडा और किश्तवाड़ जिलों में लगातार मौत के घाट उतारा जा रहा है. लेकिन पिछले कुछ समय ये आतंकी यहां फिर से आतंकवाद को फैलाने की कोशिश करने लगे हैं.

सुरक्षाबलों का पराक्रम, आतंकियों में भगदड़

यहां आपका ये भी जानना जरूरी है कि तकरीबन 20 वर्ष पहले आतंकियों ने डोडा और किश्तवाड़ के इलाके में अपना बड़ा अड्डा बना लिया था. जिसके बाद सुरक्षा बलों की लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई और आम लोगों की मदद के चलते एक दशक पहले इस इलाके को आतंकवाद मुक्त करा लिया गया था. लेकिन  साल 2018 के नवंबर माह में यहां फिर से दोबारा आतंकी घटनाएं शुरू हुईं. जिसे देखते हुए अब एक बार फिर सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ और डोडा में भी ऑपरेशन को रफ्तार दे दिया है.

सुरक्षाबलों का अभियान, आतंकियों में दहशत

जम्मू कश्मीर के डोडा और किश्तवाड़ इलाके में बीते करीब 2 साल में यानी साल 2018 से कई आतंकी घटनाएं सामने आई हैं. इसी साल 15 जनवरी को डोडा से आतंकी हारून अब्बास को पकड़ा गया था. इसके बाद 5 मई को आतंकियों का मददगार तनवीर मलिक पकड़ा गया था. 17 मई को सुरक्षाबलों ने डोडा से हिजबुल आतंकवादी ताहिर अहमद बट को ढेर कर दिया था.

कश्मीर घाटी से किश्तवाड़ और डोडा इलाक़े में ऊंचे पहाड़, घाटियां और घने जंगल हैं. इसी का फायदा उठाकर आतंकी यहां अपने लिए सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे हैं. बीते 2 वर्षों में यहां कई नए आतंकियों की भर्ती का खेल चलता रहा है, लेकिन ज्यादातर आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने जहन्नुम भेज दिया है.

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आतंकी सीमा पार से आए या फिर घने जंगलों, पहाड़ियों या फिर किसी गुफा में छिप जाएं. सुरक्षाबलों की गोलियां उन्हें उनके बिल से निकालकर जहन्नुम का रास्ता दिखाने के लिए हर पल तैयार हैं.

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