नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ भारत की जंग इस वक्त एक बेहद नाजुक मोड़ पर है. देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. सरकार सतर्क है और लोगों को बार-बार सावधानियां बरतने की सलाह दी जा रही है. इस बीच महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से लड़ाई और तेज हो गई है. महाराष्ट्र सरकार ने कई नए फैसलों का ऐलान किया है.
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से लड़ाई
कोरोना के बढ़ते कहर के बीच महाराष्ट्र के 4 शहरों को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है. इसमें मुंबई, पुणे, नागपुर और पिंपरी- चिंचवाड़ शामिल हैं. बंद के दौरान आवश्यक दुकानों के अलावा सब कुछ बंद रहेगा. राज्य सरकार के दफ्तरों में सिर्फ़ 25 फीसदी कर्मचारी काम करेंगे. महाराष्ट्र ही भारत का वो राज्य है जहां सबसे अधिक 50 से ज्यादा कोरोना वायरस के मरीज पाए गए हैं.
दिल्ली के शॉपिंग मॉल्स किये गए बंद
कोरोना वायरस ने भारत में भी हाहाकार मचा रहा है और इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर किस्म के एहतियात बरते जा रहे हैं. इसी कड़ी में देश की राजधानी दिल्ली में स्थित सभी शॉपिंग मॉल्स को बंद करने का फैसला किया गया है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में इस तरह के कदम उठाने का फैसला इसलिए भी किया क्योंकि कोरोना की वजह से यहां एक शख्स की मौत हो चुकी है और कोरोना के संक्रमण से प्रभावित लोगों की तादाद 15 को पार कर गई है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मॉल्स बंद करने के सरकार के फैसले को ट्विटर पर साझा किया. ट्विटर पर उन्होंने लिखा "मौजूदा हालात को देखते हुए हम सभी मॉल्स को बंद कर रहे हैं. मॉल्स में मौजूद राशन, दवा और सब्जी की दुकानें खुली रहेंगी." राशन-सब्जी और दवाइयां जरूरी चीजों में शामिल है इसलिए मॉल्स में इन चीजों की दुकानों को छूट दी गई है.
In view of the prevailing situation, we are closing down all Malls (except grocery, pharmacy and vegtable shops in them)
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 20, 2020
इसमें कोई दो राय नहीं कि मॉल्स में में दुकानें, शोरूम, मेगा स्टोर, रेस्टोरेंट की भरमार रहती है और इस वजह से हजारों लोगों की भीड़ भी यहां उमड़ी रहती है. ऐसे में मॉल्स को बंद करने के फैसले से लोगों की भीड़ को यहां आने से रोकने में भारी मदद मिलेगी.
पीएम मोदी के आह्वान को देश का समर्थन
पीएम मोदी की जनता कर्फ्यू की अपील का असर सड़कों पर देखा जा सकता है. वहीं दिल्ली में भी पीएम मोदी की अपील का असर दिख रहा है. बाज़ार खाली पड़े हैं, सड़कों पर पहले के मुकाबले ट्रैफिक कम है. इसी के बीच दिल्ली में भी 31 मार्च तक सारे मॉल्स बंद कर दिए गए हैं. कोरोना के बढ़ते कहर के बीच पीएम मोदी खुद देश के सामने आए और लोगों से जनता कर्फ्यू की अपील की थी.
कोरोना के खिलाफ जंग जीतेगा भारत
बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ से लेकर राजनेताओं तक सभी ने पीएम मोदी के इस कदम का साथ देने का ऐलान किया. अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर कहा- "मैं इस जनता कर्फ्यू का सपोर्ट करता हूं. साथ ही मैं देश के उन लोगों को सलाम करता हूं जो जरूरी सेवाओं को जारी रखे हुए हैं. एक बनिए, सेफ रहिए और सावधान रहिए."
पीएम मोदी के इस आह्वान को देश के व्यापारियों ने भी समर्थन दिया है और 22 फरवरी को सारे व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद ऱखने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने जिस जनता कर्फ्यू का ऐलान किया. उसका मतलब क्या है आइए आपको समझाते हैं.
क्या है जनता कर्फ्यू?
जनता कर्फ्यू को हम कुछ इस तरह समझ सकते हैं कि ये कर्फ्यू जनता का खुद पर लगाया गया एक प्रतिबंध है. यानी इसके लिए पुलिस या सुरक्षाबलों की तरफ से कोई भी पाबंदी नहीं लगाई जाएगी. लोग खुद ही अपने काम टालेंगे और बाहर निकलने से बचेंगे. सोसाइटी में भी निकलने से बचेंगे. हालांकि, जो लोक आवश्यक सेवाओं में हैं वो घर से काम के लिए निकल सकते हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बहाल रहेगा.
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जनता कर्फ्यू के दौरान वैसे तो काफी जरूरी काम पड़ने पर कोई भी बाहर निकल सकता है, लेकिन इस दौरान कुछ लोगों को खुद पीएम मोदी ने अपनी सेवाओं में बने रहने की अपील की है. पीएम मोदी ने खासतौर पर डॉक्टरों, सफाईकर्मियों और मीडियाकर्मियों का जिक्र किया. मतलब जनता कर्फ्यू के दौरान ऐसी सेवाएं देने वाले लोगों को घर से निकलना होगा. वहीं सरकार के आदेश पर देश से सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें रद्द हो चुकी हैं.
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