नई दिल्लीः परिवार नियोजन को लेकर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम बहस हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने इस बड़े मुद्दे पर अपना विचार रखा. मोदी सरकार ने देश में जबरन परिवार नियोजन (Population Control) लागू करने के विचार का विरोध किया है. Modi government ने कहा कि परिवार नियोजन को लेकर किसी भी तरह की बाधा या अंकुश लगाना ठीक नहीं होगा. देश में इसके भी कई हानिकारक परिणाम होंगे.
जानकारी के मुताबिक, Modi government ने कहा कि निश्चित संख्या में बच्चों को जन्म देने की किसी भी तरह की बाध्यता हानिकारक होगी. इससे देश में कई तरह के जनसांख्यिकीय विकार पैदा हो जाएंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके कहा कि देश में परिवार कल्याण (Population Control) कार्यक्रम स्वैच्छिक है. दंपती यह फैसला खुद से ले सकते हैं कि उन्हें परिवार कितना बढ़ाना है. इसमें किसी तरह की अनिवार्यता लागू करने से लोगों के इस अधिकार का हनन होगा.
'लोक स्वास्थ्य राज्य सरकार का विषय है'
मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि ‘लोक स्वास्थ्य’ राज्य के अधिकार का विषय है. राज्य सरकारों को स्वास्थ्य क्षेत्र में उचित और टिकाऊ तरीके से सुधार करने चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए प्रभावी ढंग से विशेष हस्तक्षेप कर सकती हैं.
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका
देश में जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) की मांग को लेकर बीजेपी नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की हुई है. उन्होंने यह अपील दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर की है.
जिसमें देश में बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए दो बच्चों के नियम समेत कुछ कदमों को उठाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी.
हाईकोर्ट ने 3 सितंबर को खारिज की थी याचिका
याचिका में कहा गया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का काम राज्य सरकारें प्रभावी निगरानी तथा योजनाओं एवं दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया के नियमन एवं नियंत्रण की खातिर विशेष हस्तक्षेप के साथ प्रभावी ढंग से कर सकती हैं.' उच्च न्यायालय ने तीन सितंबर को याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि कानून बनाना संसद और राज्य विधायिकाओं का काम है, अदालत का नहीं. उक्त याचिका में कहा गया था कि भारत की आबादी चीन से भी अधिक हो गई है तथा 20 फीसदी भारतीयों के पास आधार नहीं है.
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