'मौलानाओं' ने फिर की 'बकवास', मस्जिदों में सैनिटाइजेशन हराम कैसे?

बरेली में मुफ्ती ने बेतुका फरमान जारी किया है, मस्जिदों में सैनिटाइजेशन को इस्लाम में हराम बताया है, कहा कि अल्कोहल के छिड़काव से नापाक हो नमाज़ जाएगी. कई और उलेमाओं ने ऐसी ही बात की तो यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रजा ने इस बात को बकवास बताया है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 11, 2020, 08:25 PM IST
    • सैनिटाइजर से मस्जिद के शुद्धिकरण पर मौलानाओ को परेशानी
    • शराब है 'हराम', सैनेटाइज़र से भी उलेमाओं को दिक्कत है
    • इन मौलानाओं को भला कोई तो बताओ, अल्कोहल शराब नहीं
'मौलानाओं' ने फिर की 'बकवास', मस्जिदों में सैनिटाइजेशन हराम कैसे?

नई दिल्ली: एक तरफ कोरोना ने पूरी दुनिया में तांडव कर रखा है, तो लहीं मौलानाओं ने सैनिटाइजर को हराम बताते हुए मस्जिद को सैनिटाइज कराने से मना कर दिया है. क्योंकि कुछ मौलानाओं सैनिटाइजर में शराब दिखता है.

बरेली के मुफ्ती को सैनिटाइजर से ऐतराज क्यों?

कोरोना काल में साफ-सफाई के लिए रामबाण बन चुका सेनेटाइजर अब धर्म के फेर में उलझ चुका है. बरेली के एक मुफ्ती को मस्जिदों में सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर सिर्फ इसलिए परहेज है कि उसमें अल्कोहल मिला होता है. मुफ्ती साहब को सैनेटाइजर में शराब दिखती है. इसलिए विरोध का परचम बुलंद कर दिया है.

बरेली के मुफ्ती अब्दुर्रहमान नश्तर फारूकी ने कहा है कि "जहां पर दिक्कत है वो ये है कि सैनिटाइजर जितने भी बाजार में उपलब्ध हैं वो सारे के सारे अल्कोहल से बने हुए हैं, शराब से बनाए गए हैं और शराब इस्लाम में पूरी तरह से बैन है."

शराब है 'हराम', सैनिटाइजर से क्यों परेशान?

मुफ्ती साहेब शायद नशे में चूर थे, कहां तो लोगों को साफ-सफाई की जरूरत समझाते. कहां तो कोरोना से जारी लड़ाई में लोगों को सैनिटाइजर के इस्तेमाल के लिए जागरुक बनाते हैं. लेकिन मुफ्ती साहब ने तो उल्टे सैनिटाइजर से मस्जिद के शुद्धिकरण पर ही सवाल उठा दिए.

अब्दुर्रहमान नश्तर फारूकी है. बरेली में सुन्नी मरकज़ी दारूल इफ्ता, दरगाह आला हज़रत के मुफ्ती हैं. कहने को तो ये इस्लाम की जानकारी रखते हैं और लोगों को सही दिशा दिखाना इनका काम है. लेकिन जानकारी जब खुद ही ना हो तो कोई दूसरों को क्या सीख देगा. मुफ्ती साहब को अल्कोहल शराब नजर आने लगी है. इसलिए इसे मस्जिद के इस्तेमाल के लिए खराब बताने लगे.

मुफ्ती को सैनिटाइजर में दिखती है शराब?

जनाब का ये भी मानना है कि "अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर की जगह अल्कोहल मुक्त सैनिटाइजर रखे जाएं ये ज्यादा मुनासिब है. जिससे कि मस्जिदों की गुरमत भी कायम रहेगी पवित्रता भी कायम रहेगी और उसका जो मकसद होता है सैनिटाइजर का वो भी हमें हासिल हो जाएगा."

उलेमाओं की सोच को बताया बकवास 

सहारनपुर, बरेली और अमरोहा के उलेमाओं ने कहा हैं सैनिटाइजर हराम है. इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रजा ने उलेमाओं की सोच को बकवास बताया हैं. ऐसे में मजहब के नाम पर ऐसी बातें करने वालों से कई सवाल पूछने चाहिए.

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सीधा सवाल ये है कि आखिर कोरोना से चल रही लड़ाई में धर्म का अड़ंगा क्यों लगाया जा रहा है. इस्लाम में शराब हराम है, लेकिन उलेमाओं को सैनिटाइजर से क्या परेशानी है. जबकि सच्चाई ये है कि सैनिटाइजर कोरोना काल में वो हथियार है जो वायरस के खात्मे के लिए जरूरी चीजों में से एक है और सवाल सिर्फ लोगों के हाथ सैनिटाइज करने भर का नहीं है. अहम बात ये है कि जब किसी बड़ी जगह को वायरस मुक्त करना हो और दूसरा क्या विकल्प है?

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