नई दिल्ली: अयोध्या केस पर फाइनल फैसला आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में साफ कर दिया कि विवादित जमीन राम जन्मभूमि है. जिस फैसले पर दुनिया की नजरें टिकी थी. वो फैसला अब सामने आ चुका है. आइए हम आपको बताते हैं कि सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के कौन से पांच बड़े असर हो रहे हैं.
सुप्रीम फैसले का असर नंबर 1
सबसे सशक्त न्यायिक व्यवस्था की जीत
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिन्दुस्तान ने पूरी दुनिया को डंके की चोट पर ये बता दिया है कि हम ना केवल दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति हैं. बल्कि हिन्दुस्तान दुनिया की सबसे मजबूत, सबसे सशक्त, न्यायिक व्यवस्था वाला देश हैं. इंसान तो इंसान, भगवान से जुड़े मुद्दों के बारे में भी देश की अदालतों के फैसले को हमारा देश सहर्ष स्वीकार करता है. साफ तौर पर सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला देश में आपसी सद्भाव और सौहार्द को मजबूती देने वाला है. क्योंकि ये फैसला उस कानून और व्यवस्था के तहत आया है. जिसपर देश के हर नागरिक की आस्था है.
सुप्रीम फैसले का असर नंबर 2
राम जन्मभूमि पर बनेगा भव्य राम मंदिर
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर ही भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा. चीफ जस्टिस रंजन गगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के पांच जजों ने एकमत से फैसला दिया है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा है कि अयोध्या में विवादित भूमि पर ही राम मंदिर बनेगा. इसके लिए एक ट्रस्ट बनाया जाएगा, जो मंदिर बनाने के तौर-तरीके तय करेगी. तीन महीने में मंदिर बनाने का काम शुरू हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए दूसरी जमीन दी जाएगी. उसने कहा कि मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन दी जाएगी.
सुप्रीम फैसले का असर नंबर 3
अयोध्या बनेगी अंतरराष्ट्रीय नगरी
देश दुनिया के करोड़ों हिंदुओं की भगवान राम में अगाध आस्था रही है. अदालत के फैसले के बाद अब अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण होगा. जिससे जाहिर तौर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संख्या तेजी से बढ़ेगी. जिसकी वजह से यहां विकास को पर लगेंगे. समूचे इलाके में रोजगार बढ़ेगा. इस वजह से ये फैसला नए किस्म की ऊर्जा और उत्साह की वजह बनने जा रहा है.
सुप्रीम फैसले का असर नंबर 4
भ्रम और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से मिलेगी मुक्ति
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से देश की राजनीति को उस पुराने मुद्दे से मुक्ति मिल गई है. जिसे आधार बनाकर लंबे दौर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता आ रहा था. देश की राजनीति में इस मुद्दे के जरिए भ्रम फैलाने वालों पर अदालत का फैसला एक करार प्रहार है.
सुप्रीम फैसले का असर नंबर 5
फैसले से विज्ञान की जीत
सर्वोच्च अदालत ने साफ कहा कि फैसला आस्था के आधार पर नहीं बल्कि वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर है. सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसले के लिए एएसआई यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की पड़ताल को महत्वपूर्ण आधार बनाया. एएसआई ने खुदाई के बाद वैज्ञानिक पड़ताल के जरिए ये साफ कर दिया था कि वहां मस्जिद से पहले एक अलग किस्म की संरचना थी. जो गैर इस्लामिक थी, एएसआई की इसी खोज से राम मंदिर के पक्षधरों का दावा मजबूत हुआ और अदालती फैसला भी उन्हीं के हक में आया. यही वजह है कि ये फैसला कानून व्यवस्था की जीत के साथ साथ विज्ञान की भी जीत है.