नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर जितना बदनाम पाकिस्तान के समर्थन के लिए हैं उतने ही कुख्यात वे बदज़ुबानी के लिए भी हैं. अब उनके बदज़ुबान कांग्रेसी मित्र दिग्विजय सिंह ने वृद्धावस्था के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और चुप हो गए हैं लेकिन मणिशंकर अय्यर की ज़ुबान की जवानी बरकरार है.
शाहीन बाग़ में दिया विवादास्पद बयान
कांग्रेस की साजिश की उपज न केवल शाहीन बाग़ का सीएए विरोधी धरना है बल्कि देश भर में सीएए के नाम पर जगह-जगह हो रहे दंगे फसाद भी कांग्रेस की ही कामयाब कोशिश है. अब शाहीन बाग़ पहुँच कर प्रदर्शनकारियों को भड़काने की ताज़ा कोशिश के लिये आया है मणिशंकर अय्यर का यह बयान जिसकी चकाचौंध में मणिशंकर अय्यर का चेहरा फिर चमक गया है.
मोदी सरकार को बताया कातिल
मणिशंकर अय्यर ने ऐसा बयान देकर एक तरफ तो सोनिया गाँधी का आशीर्वाद फिर से प्राप्त कर लिया और वहीं मीडिया में अपने नाम और अपने बयान को चमकाने की कोशिश में भी फिर एक बार कामयाबी पा ली है. बदनाम होंगे तो क्या नाम नहीं होगा - की सोच वाले मणिशंकर अय्यर ने मोदी सरकार को कातिल कह कर पुकारा. मंगलवार को दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों के बीच मणिशंकर अय्यर ने कहा - देखते हैं किसका हाथ मजबूत है, हमारा या कातिलों का!
बीजेपी ने ट्वीट कर दिया जवाब
बीजेपी समझ गई है कि बदजुबानी की वजह क्या है और उससे किस तरह की कामयाबी पाने की कोशिश रहती है मणिशंकर की. इसलिए इस बयान को हास्यास्पद मानते हुए बीजेपी ने मणिशंकर को अपने उपहास का पात्र बनाया है. बीजेपी के ट्वीट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के विरुद्ध अब कांग्रेस ने अपना ब्रह्मास्त्र उतार दिया है.
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