उद्धव और पवार की फोन टैपिंग! शिवसेना- NCP को भाजपा पर शक

महाराष्ट्र सरकार को संदेह है कि विधानसभा चुनाव के दौरान शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेताओं की फोन टैपिंग हुई. इसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार के फोन भी शामिल हो सकते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 24, 2020, 02:31 PM IST
    • उद्धव और पवार की फोन टैपिंग का मामला
    • शिवसेना- NCP को भाजपा पर शक
    • संजय राउत को भी भाजपा पर शक
    • महाराष्ट्र सरकार ने दिये जांच के आदेश
उद्धव और पवार की फोन टैपिंग! शिवसेना- NCP को भाजपा पर शक

मुंबई: महाराष्ट्र के गृहमंत्री और NCP नेता अनिल देशमुख ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसने विधानसभा चुनाव के दौरान शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेताओं की फोन टैपिंग कराई. गुरुवार को गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि भाजपा सरकार ने कई अहम लोगों के फोन टैप करने का आदेश दिया था. देशमुख ने भाजपा सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया और मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

संजय राउत को भी भाजपा पर शक

 

शिवसेना नेता संजय राउत ने गृह मंत्रालय पर आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय को फोन टैपिंग करने और अपने विरोधियों पर नजर रखने की आदत है लेकिन फोन टैपिंग में लिप्त होने के बावजूद हमने महाराष्ट्र में सरकार का गठन किया. इससे साबित होता है कि वे हमारा कुछ नहीं कर सकते. संजय राउत ने कहा कि मैं बाल ठाकरे का चेला हूं, जो कुछ करता हूं, खुले तौर पर करता हूं.

दिग्विजय सिंह ने भी लगाया था आरोप

पिछले हफ्ते कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि पिछली महाराष्ट्र सरकार के अधिकारी फोन टैपिंग में शामिल थे. उन्होंने कहा था कि एक अफसर ने इजराइल का दौरा किया था और वहां की फर्म एनएसओ के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी. दिग्विजय ने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया.

महाराष्ट्र सरकार ने दिये जांच के आदेश

महाराष्ट्र सरकार ने जांच के आदेश दे दिये हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल को जांच के लिए कहा गया है. पिछली सरकार के दौरान जिस किसी की फोन टैपिंग हुई है. सभी मामलों में जांच होगी. यह जांच विपक्षी नेताओं की शिकायतों के आलोक में की जा रही है. जो महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की नई सरकार बनाने के दौरान की गई थी. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछली सरकार के दौरान विपक्ष के नेताओं की फोन टैपिंग के लिए व्यवस्था का गलत फायदा उठाया गया.

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