मुंबईः महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) का विलय करने का प्रस्ताव दिया है. महाराष्ट्र सरकार चाहती है कि पीएमसी बैंक का विलय महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (Maharashtra State Cooperative Bank) के साथ कर दिया जाए. इस संबंध में राज्य सरकार पीएमसी बैंक के प्रबंधन से बात भी कर रही है. उद्धव ठाकरे की सरकार इस प्रक्रिया में जरूरी वित्तीय सहायता के लिए भी तैयार है.
कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि इसके लिए महाराष्ट्र सरकार बैंक व रिजर्व बैंक के बीच मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार है. राज्य सरकार ने पीएमसी बैंक निवेशकों को सुनिश्चित किया है और दावा किया है इस प्रक्रिया में दो माह से भी कम समय लगेगा. पाटिल ने कहा, उन्होंने महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन से बात की है. हमनें उन्हें इस मर्जर के प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी है, ताकि पीएमसी बैंक के डिपॉजिटर्स को राहत मिल सके.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पीएमसी बैंक पर लगाया है प्रतिबंध
4,335 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर कई तरह का प्रतिबंध लगा दिया है. इस शुरुआती प्रतिबंध में आरबीआई ने पीएमसी बैंक से 1,000 रुपये से अधिक की निकासी को बैन कर दिया है, जिसके बाद डिपॉजिटर्स के लिए परेशानियां खड़ी हो गईं. हालांकि, कई चरणों के बाद विड्रॉल लिमिट को बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है.
अभी तक पीएमसी बैंक में पैसे रखने वाले 8 डिपॉजिटर्स की मौत हो चुकी है. पाटिल ने यह भी कहा कि हम पीएमसी बैंक डिपॉजिटर्स को सुनिश्चित करना चाहते हैं सरकार उनके साथ है. दोनों बैंकों के विलय के बाद छोटे डिपॉजिटर्स को इससे फायदा मिल सकेगा.
फडणवीस सरकार भी कर रही थी इस फैसले पर विचार
पीएमसी बैंक के खाताधारकों की बढ़ती परेशानियों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि राज्य सरकार इस बैंक का अन्य बैंक में विलय की संभावना तलाशेगी. बैंक से जमा राशि निकालने पर लगाई गई पाबंदियों के मद्देनजर खाताधारकों के गुस्से को शांत करने की कोशिश में मुख्यमंत्री ने उन्हें यह भरोसा दिया था कि जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा.
उन्होंने कहा कि बैंक में एक लाख रुपये तक की जमा राशि सुरक्षित और बीमित है. हालांकि किस बैंक के साथ पीएमसी का विलय होगा. यह तय नहीं किया गया था.