मुंबई. वीर सावरकर यदि आपके लिए महान हैं तो उनके पोते आपके लिए अछूत कैसे हो सकते हैं. आज हालत ये है कि जिस सावरकर की विचारधारा पर चलकर आपने जनता का दिल जीता है और मुख्यमंत्री बने हैं, उन्हीं के पोते के लिए आपके पास दो मिनट नहीं हैं. ये कोई साधारण बात तो नहीं है न ही इसके पीछे की राजनीति भी कोई साधारण किसम की है.
सावरकर के पोते ने कहा ठाकरे नहीं मिलना चाहते
रंजीत सावरकर वीर सावरकर के पोते हैं. उन्होंने कई बार उद्धव ठाकरे से मिलने का आग्रह किया किन्तु मुख्यमंत्री उनके लिए दो मिनट का समय नहीं निकाल सके. रंजीत सावरकर ने उद्धव ठाकरे पर कई सवाल खड़े करते हुए कहा कि उनके पास सावरकर जी के सम्मान में मुझसे ज़रा सी बात करने का वक्त नहीं है यह बहुत निराशाजनक है और यह सावरकर जी का अपमान है.
सावरकर पर कांग्रेस की डर्टी पॉलिटिक्स
हाल में वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे को लेकर एक बहुत ही गंदी टिप्पणी कोर्स ने की है और बड़ी बेशर्मी से उसे कांग्रेस सेवादल की किताब में छापा भी है. इस पर विवाद बढ़ रहा है और इसी सिलसिले में वीर सावरकर के पोते उनसे मिलना चाहते थे.
''मामले के दोषियों पर एफआईआर होनी चाहिए ''
रंजीत सावरकर ने सरकार से इस मामले के दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने सीधे-सीधे वीर सावरकर पर अभद्र टिप्पणी के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस सेवा दल सहित कई नेताओं पर केस दर्ज करने कि मांग की है.
बीजेपी ने घृणित बताया कांग्रेस की गंदी सोच को
कांग्रेस के सेवा दल की किताब में वीर सावरकर पर कही गंदी बात राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. सावरकर और गोडसे को लेकर कांग्रेस की गंदी सोच की बीजेपी ने जम कर बखिया उधेड़ी. इतना ही नहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गले मिली हुई सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया है. शिवसेना के मंच से कहा गया कि सावरकर पर सवाल उठाने से पता चलता है कि कांग्रेस के दिमाग में ‘गंदगी’ भरी है. भाजपा ने सेवा दल की हिंदुत्व विचारधारा पर टिप्पणी को अपमानजनक माना और कांग्रेस से कहा कि उन्हें क्षमा माननी चाहिए.
ये भी पढ़ें. बांग्लादेश के घुसपैठियों ने लौटना शुरू किया आसाम से