केंद्र और राज्य सरकार में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही है UP की सियासी हलचल

उत्तर प्रदेश की कुर्सी कितनी अहम है इसका शब्दों में जवाब पाना मुश्किल होगा. मगर इन दिनों जो हलचल देखी जा रही है, उससे ये कयास लगाया जाने लगा है कि यूपी और केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में जल्द ही बदलाव देखे जा सकते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 11, 2021, 08:33 AM IST
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केंद्र और राज्य सरकार में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही है UP की सियासी हलचल

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सरकार में बदलाव की अटकलें यूं ही नहीं लग रही हैं. जहां बीजेपी में हलचल है वहीं दूसरी ओर बीजेपी के कई सहयोगी भी केंद्र से लेकर यूपी की सरकार तक.. अपने लिए नई संभावनाएं तलाश रहे हैं. गुरूवार को गृहमंत्री अमित शाह से अनुप्रिया पटले और संजय निषाद की मुलाकात भी यही इशारा कर रही है.

मुलाकात से समझो इशारे!

एक तरफ में अमित शाह और अनुप्रिया पटेल की मुलाकात होती है, वहीं दूसरी ओर में संजय-प्रवीण निषाद और शाह की मुलाकात होती है. ये महज मुलाकात भर नहीं है, इसमें यूपी बीजेपी की राजनीति और आने वाले चुनाव की रणनीति की झलक नजर आ रही है.

बदलाव की अटकलों के बीच योगी और अमित शाह की मुलाकात के साथ-साथ गुरूवार को इन तस्वीरों ने भी सबका ध्यान खींचा. वैसे तो अपना दल और बीजेपी में गठबंधन है, लेकिन बताया जा रहा है कि अपना दल पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहा है.

क्या दूर होगी अपना दल की नाराजगी?

अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल को इस बार मोदी सरकार में जगह नहीं मिली. जबकि पिछली सरकार में वो मंत्री थीं, तो सूत्रों के मुताबिक अपना यूपी चुनाव से पहले अनुप्रिया पटेल पार्टी की हिस्सेदारी पुख्ता कर लेना चाहती हैं. अनुप्रिया यूपी के मिर्जापुर से सांसद हैं, यूपी में अपना दल के 2 सांसद हैं. यूपी में अपना दल के 9 विधायक हैं.

सूत्रों के मुताबिक अनुप्रिया पटेल यूपी में 2 मंत्रीपद और केंद्र में एक राज्य मंत्री का पद मांग रही हैं. और बीजेपी की ओर से उन्हें इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का भरोसा भी दिया गया है.

निषाद को मंत्री बनने की चाहत

सूत्रों के मुताबकि संजय निषाद और प्रवीण निषाद की इस मुलाकात के पीछे की असल मंशा भी मोल-भाव बताई जा रही है. गृहमंत्री अमित शाह से संजय निषाद ने अपने बेटे प्रवीण निषाद के साथ मुलाकात की, जो करीब 45 मिनट तक चली. 2019 में निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.

और अब कहा जा रहा है कि संजय निषाद बीजेपी से एक राज्यसभा सीट और अपने सांसद बेटे प्रवीण निषाद के लिए मंत्रीपद चाहते हैं.

उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरण में निषाद खासी अहमियत रखते हैं. पूर्वांचल की कई सीटों पर इनका प्रभाव है तो वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी निषाद अहम हैं और माना जा रहा है कि बीजेपी निषाद वोटों की नाव पर 2022 की चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में है.

बताया जाता है कि निषाद वोटर गोरखपुर समते उत्तर प्रदेश की 130 से ज्यादा सीटों पर जीत-हार का समीकरण बदल सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी निषाद वोटर काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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इसीलिए 2022 के चुनाव से पहले बीजेपी के लिए ना सिर्फ अपना घर ठीक कर लेना जरूरी है बल्कि साथियों की नाराजगी को दूर करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.

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