जहांगीरपुरी में कैसे भड़की हिंसा की आग? दंगे से दहलाने वाली साजिश में कब क्या-क्या हुआ, जानिए सबकुछ

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को हिरासत में लिया है. दंगा, हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. शोभा यात्रा पर पथराव से हिंसा भड़की थी. आपको इस रिपोर्ट में दंगे की पूरी कहानी समझाते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 17, 2022, 10:39 AM IST
  • किसने रची दिल्ली में हिंसा की साजिश?
  • जहांगीरपुरी हिंसा अब तक का अपडेट
जहांगीरपुरी में कैसे भड़की हिंसा की आग? दंगे से दहलाने वाली साजिश में कब क्या-क्या हुआ, जानिए सबकुछ

नई दिल्ली: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अब 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है. जहांगीरपुरी पथराव और तोड़फोड़ में अभी तक कुल 7 लोग घायल है होने की जानकारी मिली है. जिनमें 6 पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक है. बाकी कई लोगों को मामूली चोंटे आई हैं. पुलिस ने दंगे, हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.

FIR में गिरफ्तार अंसार नाम के शख्स का जिक्र

FIR में गिरफ्तार अंसार नाम के शख्स का जिक्र किया गया है. FIR के मुताबिक अंसार 4-5 साथियों के साथ आया था. आरोपी अंसार ने शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस की थी. कई आपराधिक घटनाओं में अंसार शामिल रहा है.

सीसीटीवी और वायरल वीडियो से कुछ लोगों की पहचान की गई है, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं. मामले की जांच रिपोर्ट MHA को भी सौंपी जाएगी. दंगा करने, सरकारी काम में बाधा डालने, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने समेत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

दिल्ली के उत्तर पश्चिमी इलाके जहांगीरपुरी में कल शाम बड़ा उपद्रव हुआ. हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा भड़की जिसमें कई दुकानों में लूटपाट हुई, सड़क किनारे खड़े वाहन फूंक दिये गये. दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को गोली मारकर जख्मी कर दिया गया. बड़ी मुश्किल से पुलिस ने हालात पर काबू पाया. इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात है, जांच जारी है.

हनुमान जयंती पर दिल्ली में कैसे भड़की आग?

इस घटनाक्रम के दो हिस्से हैं. एक दंगे से पहले की और दूसरी घटना के बाद की. आपको बताते हैं कि जहांगीरपुरी में कल शाम हुआ क्या था.

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर शोभा यात्रा निकली थी. शोभा यात्रा में शामिल लोग गाजे बाजे और नारेबाजियों के साथ आगे बढ़ते जा रहे थे. बड़ी संख्या में बाइक पर भी लोग शोभा यात्रा के साथ चल रहे थे. शोभायात्रा जब एक मस्जिद के पास से गुजरने लगी तो अचानक गोली चलने की आवाज आई और भगदड़ मच गई.

हंगामा बढ़ते ही दूसरी तरफ से सैकड़ों लोग जमा हो गये. मजहबी नारेबाजी होने लगी. टोपी में कुछ लोग तलवार लहराते दिखे और धार्मिक नारे लगाने लगे. तस्वीरों में दिखा कि पुलिस वाले और समुदाय के बड़े बुज़ुर्ग उस भीड़ को समझाने बुझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तभी पथराव शुरू हो गया.

सड़कों पर शुरू हुए उपद्रव से बढ़ा तनाव

पथराव का सिलसिला तेज होता गया, दोनों तरफ से पत्थरबाजी होने लगी. कभी एक तरफ की सड़क पर लोग भागते दिख रहे थे, तो कभी दूसरी ओर की सड़क से रेला दौड़ा चला आता था. देखते ही देखते आगजनी शुरू हो गई. मेन रोड से शुरू हुआ उपद्रव अब आसपास की गलियों तक पहुंचने लगा तो आनन फानन में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची. उपद्रवी भाग गये लेकिन हालात तनावपूर्ण बना हुआ था.

करीब एक घंटे के अंदर दिल्ली पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंच चुके थे और स्थिति नियंत्रण में आ चुकी थी. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि 'लॉ ऑर्डर मेंटेन है, पुलिस है, बात कर रहे हैं शांति से रहें अफवाह से बचें.'

मौके पर पुलिस की मौजूदगी के बाद हालात कंट्रोल में तो आ गये थे, लेकिन इस उपद्रव में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर को गोली मार दी गई थी. जख्मी हालत में सब इंस्पेक्टर मेधालाल अस्पताल की बेड पर लेटे हुए थे. उनके हाथ में गोली आर-पार हो गई थी.

गनीमत रही कि उपद्रव में जख्मी सभी लोग खतरे से बाहर थे, लेकिन दंगे में पुलिसवालों पर हमले की घटना ठीक उसी तरह हुई थी जैसे 2020 के दिल्ली दंगे में पुलिस पर प्रहार हुआ था. घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने दंगा फैलाने और हत्या की कोशिश में मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी. लेकिन देर रात तक भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी ने बताया कि शरारत या साजिश वाले सवाल पर कि जांच चल रही है.

दहलाने वाली साजिश में कब क्या-क्या हुआ?

पुलिस की शुरुआती तफ्तीश और मौके पर मौजूद लोगों के बयानों से पता चला कि शाम साढ़े चार बजे के आसपास शोभा यात्रा निकली थी. इस शोभा यात्रा को K-BLOCK तक जाना था. शोभा यात्रा करीब 5 बजकर 10 मिनट पर मस्जिद के पास से गुजर रही थी तभी हल्का विवाद हुआ. फिर करीब 5.30 बजे मस्जिद के पास दोबारा विवाद हुआ और पथराव शुरू हो गया. करीब 6 बजकर 20 मिनट पर पुलिस को कॉल मिली. मेधालाल मौके पर पहुंचे. 7 बजे तक पुलिस मौके पर थी और 8 बजे तक हालात पर कंट्रोल कर लिया गया.

इसके बाद रात भर जहांगीरपुरी इलाके में पुलिस का पहरा रहा. मौके पर दंगा नियंत्रण वैन से लेकर तमाम तैनातियां रहीं. रात भर पुलिस अलर्ट मोड में थी और अब भी इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

झूठी खबरों से जरा बचके रहें...!

नार्थ ईस्ट पूरी तरह शांत है, मौजपुर के घौंडा को लेकर शाम में माहौल खराब करने के लिए कुछ अफवाहें फैलाई गई थी जो झूठी थी. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली डीसीपी संजय सेन ने सभी अफवाहों का खंडन करके साफ कर दिया गलत खबरें है, नार्थ ईस्ट दिल्ली पूरी तरह शांत है, ऐतिहातन पेट्रोलिंग की जा रही है. लोगों से अपील है सोशल मीडिया पर ध्यान न दे वहां झूठी खबरें फैलाई जाती है.

जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद जेएनयू के बाहर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जवान JNU की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच स्पेशल सेल साजिश की जांच में जुटी 10 टीम बनाई गई.

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