लखनऊ: मुंबई से गिरफ्तार डॉक्टर कफील पर आरोप है कि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जाकर छात्रों को भड़काने की कोशिश की थी. यही नहीं कफील ने गृहमंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की है.
29 जनवरी को किया गया गिरफ्तार
कफील खान को यूपी एसटीएफ ने बुधवार को गिरफ्तार किया है. उनपर अलीगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसके बाद यूपी एसटीएफ ने उन्हें गिरफ्तार किया. इस बारे में स्पेशल टास्क फोर्स के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि 12 दिसम्बर 2019 को डॉ. कफील खान ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाब-ए-सैयद गेट पर करीब 600 छात्रों की सभा में नागरिकता संशोधन कानून के संबंध में भ्रामक तथ्य रखे और छात्रों को भड़काने की कोशिश की.
यही नहीं पेशे से डॉक्टर कफील ने छात्रों में साम्प्रदायिक भावना भड़काई और उन्हें दूसरे समुदायों के प्रति घृणा पैदा करने संबंधित भाषण दिया.
नफरत फैलाने वाले कफील के खिलाफ मौजूद हैं सबूत
अलीगढ़ में जब कफील ने भड़काऊ भाषण दिया था. तब मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने कफील के पूरे भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग की थी. जिसके आधार पर सब इंस्पेक्टर दानिश ने डॉ. कफील के खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइन थाने में धारा 153-ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद यूपी एसटीएफ मामले की जांच में जुट गई. बुधवार (29 जनवरी) को इंस्पेक्टर बृजेन्द्र शर्मा और प्रमोद वर्मा की टीम ने उसे मुंबई से गिरफ्तार कर लिया था.
छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. कफील ने गृहमंत्री अमित शाह का बिना नाम लिए कहा था कि 'मोटाभाई' सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं.
यूपी पुलिस से डरे हुए हैं कफील
मुंबई से गिरफ्तार डॉक्टर कफील ने खुद को यूपी पुलिस से खतरा बताया है. उन्होंने मांग की है कि उन्हें महाराष्ट्र में ही रखा जाए, यूपी नहीं भेजा जाए. लेकिन मुंबई की बांद्रा कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर डॉ. कफील को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया है. जिसके बाद अब उन्हें उत्तर प्रदेश वापस लाने का रास्ता साफ हो गया है. कफील को लेकर एसटीएफ लखनऊ रवाना हो गई है.
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