नई दिल्ली: भाजपा भविष्यवाणी कर रही है कि वह अपने राजनीतिक आत्मीयता मॉडल (पीएएम) के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 255 सीटें जीतेगी. मॉडल भाजपा के प्रति उत्तर प्रदेश की जातियों की राजनीतिक आत्मीयता पर आधारित है.
ब्राह्मण वोट भाजपा से थोड़ा दूर
मॉडल के अनुसार, ब्राह्मण वोट भाजपा से 25 प्रतिशत दूर जा रहा है, क्योंकि 2017 के चुनावों में उसे 100 प्रतिशत आत्मीयता मिली थी, जबकि इस बार यह 75 प्रतिशत होगी. कुर्मी जाति भाजपा से 50 फीसदी दूर होकर 2022 में 50 फीसदी हो रही है, जो 2017 में 100 फीसदी थी. यही संख्या 2022 में जाटों, गुज्जर, राजभर, बिंद और कुशवाहा में भी है. 2017 में, 35-40 प्रतिशत जाटवों ने भाजपा को वोट दिया, लेकिन इस बार केवल 25 प्रतिशत ही भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे, जबकि 15 प्रतिशत भाजपा से दूर होंगे.
26 जातियों पर 100 फीसद भरोसा
26 अन्य जातियों के लिए भाजपा 100 प्रतिशत आत्मीयता वोट की उम्मीद कर रही है. ये हैं ठाकुर, कायस्थ, बनिया, भूमिहार, मौर्य, लोधी, सैनी, पासी, कोरी, शाक्य, त्यागी, बघेल, वाल्मीकि, खरवार, धोबी, सिख, पाल, गोस्वामी, सहरिया, जमादार, हलवाई, लोहार, सिंधी, गोंड, डोम, वनवासी आदि. जिन जातियों में कोई राजनीतिक आत्मीयता नहीं है, वे हैं मुस्लिम और यादव जहां भाजपा को शून्य या शून्य प्रतिशत वोटों की उम्मीद है.
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भाजपा के अनुमान के मुताबिक, वह 255 सीटें जीत रही है और 158 सीटें हार रही है. पश्चिम क्षेत्र में 70 में से आधी या 34 से भी कम सीटें जीत रही है, ब्रज क्षेत्र में 65 में से 49, अवध क्षेत्र में 81 में से 55, गोरखपुर में 65 में से 36 और काशी क्षेत्र में 71 में से 42 सीटें जीत रही है.
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