नई दिल्ली: कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के छह सहयोगियों को शनिवार को जालंधर में हिरासत में लिया गया. सिंह के समर्थकों ने यह जानकारी दी. हालांकि, इस संबंध में पुलिस की तरफ से कोई पुष्टि नहीं हुई है. 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख सिंह के कुछ समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो साझा कर दावा किया कि पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर सामने आया एक वीडियो
एक वीडियो में अमृतपाल को एक वाहन में बैठे हुए भी देखा जा सकता है और उसके एक सहयोगी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मी 'भाई साहब' (अमृतपाल) के पीछे पड़े हैं. एक अन्य समर्थक ने वीडियो साझा किया है, जिसमें वह दावा कर रहा है कि पुलिसकर्मी उसका पीछा कर रहे हैं.
पिछले महीने अमृतपाल और उसके समर्थक तलवारें और पिस्तौल लहराते हुए अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाने में घुस गए थे. इस दौरान, अमृतपाल के एक करीबी को छुड़ाने के लिए उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी.
पंजाब पुलिस का बड़ा एक्शन हुआ तो अमृतपाल सिंह पकड़ा गया, कई साथी भी हिरासत में हैं. अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में इंटरनेट सेवाएं रविवार तक निलंबित कर दिया गया है.
कितना खतरनाक है अमृतपाल सिंह और उसका संगठन?
30 वर्षीय अमृतपाल सिंह जिसे पुलिस ने दबोचा है वो खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने के लिए पंजाब में 'वारिस पंजाब दे' संगठन संचालित करता है. एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने ये संगठन बनाया था. दीप सिद्धू की मौत 15 फरवरी 2022 को हो गई थी, जिसके बाद कुछ महीने पहले दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने इस संगठन की कमान संभाली. अमृतपाल सिंह इस संगठन का प्रमुख बन गया.
किसान आंदोलन में भी अमृतपाल काफी एक्टिव था. दीप सिद्धू की मौत के बाद इस संगठन की वेबसाइट भी बनाई गई. लोगों को इस संगठन से जोड़ने का काम शुरू हुआ. बता दें, साल 2012 में अमृतपाल सिंह दुबई चला गया था. उसने दुबई में ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसने 12वीं तक पढ़ाई की है. गांव के ही स्कूल से अमृतपाल सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई की.
अमृतपाल और उनके साथियों ने पिछले महीने ही पंजाब के अजनाला में एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. उसने और उसके साथियों ने हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला किया था. आपको इससे जुड़े पूरे मामले के बारे में बताते हैं. तूफान नाम के एक आरोपी, जो अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक था उसकी रिहाई के लिए ही अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया था. इसी दौरान 6 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. अमृतपाल के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हुई, अजनाला से बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अगवा करने और मारपीट करने का आरोप भी अमृतपाल पर लगा था.
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