Jammu Kashmir Terror Attacks: पाकिस्तान समर्थित और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के तहत काम करने वाले ग्रुप कश्मीर टाइगर्स ने जम्मू-कश्मीर के डोडा में हुई मुठभेड़ की जिम्मेदारी ली है. इस हमले में मंगलवार तड़के एक मेजर समेत चार भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
आतंकी संगठन ने एक बयान में कहा कि मुठभेड़ और गोलीबारी उस समय हुई जब सुरक्षा बलों ने 'मुजाहिद्दीन' की तलाश में तलाशी अभियान शुरू किया हुआ था. बता दें कि पिछले कुछ समय में आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं. हालांकि, इसे छटपटाहट कह सकते हैं, जो भारतीय सेना की कार्रवाई से बढ़ी है.
इस बीच समाचार एजेंसी ANI के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना प्रमुख से बात की. उन्हें डोडा में जमीनी स्थिति और चल रहे ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी गई है.
डोडा मुठभेड़ पर टॉप अपडेट
-मुठभेड़ उस समय हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने सोमवार देर शाम डोडा शहर से लगभग 55 किलोमीटर दूर देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया.
-अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर तक गोलीबारी के बाद आतंकवादियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन एक अधिकारी के नेतृत्व में बहादुर सैनिकों ने चुनौतीपूर्ण इलाके और घने जंगल के बावजूद उनका पीछा किया, जिसके बाद रात करीब 9 बजे जंगल में फिर से गोलीबारी शुरू हो गई.
-अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में अधिकारी समेत चार की बाद में मौत हो गई.
-आतंकवादियों का पता लगाने के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन को काम पर लगाया गया है.
-डोडा लोकसभा क्षेत्र से सांसद जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह डोडा इलाके में सशस्त्र मुठभेड़ की खबरों से बहुत परेशान हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे बहादुरों की शहादत पर शोक व्यक्त करने और निंदा करने के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं. आइए हम सब मिलकर इस पर दुख जताएं.'
-कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत 4 बहादुर सेना के जवानों की शहादत से हम बेहद व्यथित हैं. हमारी संवेदनाएं हमारे उन बहादुर जवानों के परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने भारत माता की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.'
-कश्मीर टाइगर्स वही समूह है जिसने 9 जुलाई को कठुआ में भारतीय सेना के काफिले पर हमले की जिम्मेदारी ली थी.
-इस महीने की शुरुआत में बंदूकधारियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला कर पांच सैनिकों की हत्या कर दी थी, तथा अलग-अलग झड़पों में दो अन्य सैनिक और छह आतंकवादी मारे गए थे.
-जून में जम्मू-कश्मीर के दक्षिणी रियासी क्षेत्र में एक तीर्थस्थल से तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में नौ तीर्थयात्री मारे गए और दर्जनों घायल हो गए.
कश्मीर में कामयाब नहीं हुआ पाक तो जम्मू में...
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी कुलदीप हुड्डा ने जम्मू में बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर प्रतिक्रिया दी है. पूर्व डीजीपी कुलदीप हुड्डा ने IANS से खास बातचीत में कहा, 'पाकिस्तान का मिशन क्लियर है. वह अब जम्मू में गतिविधियों को बढ़ाना चाहता है, क्योंकि पाकिस्तान कश्मीर में कामयाब नहीं हो पाया.'
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ऑल आउट के तहत कश्मीर में पाकिस्तान का सफाया हो गया और इसलिए अब वैसी जगह ढूंढ रहे हैं, जहां पर सुरक्षाबलों की कमी है. आमतौर पर जिन क्षेत्रों में शांति रही है, अब वहां आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे सेना का ध्यान जम्मू में बढ़ रही आतंकी घटनाओं की ओर जाए, जिससे वह कश्मीर में दोबारा आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके.
15 दिनों में हुए बड़े आतंकी हमले-कश्मीर से ज्यादा जम्मू पर फोकस
-7 जुलाई 2024, राजौरी- सेना शिविर पर हमला, 1 सैनिक घायल
-8 जुलाई कठुआ- ग्रेनेड अटैक में 4 जवान शहीद और 6 जवान घायल
-10 जुलाई, सुरक्षाबलों ने उधमपुर-पुलिस चौकी पर हुआ हमला नाकाम किया
-16 जुलाई 2024, डोडा में 4 जवान शहीद
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