Rajasthan bypoll: कौन हैं नरेश मीना और क्यों मारा SDM को थप्पड़? जानें- टोंक में कैसे फैली हिंसा

Naresh Meena Arrest: बीते दिन गिरफ्त से दूर रहने वाले नरेश मीना को गुरुवार को गिफ्तार कर लिया गया. इस दौरान कल से ही हिंसा जारी है. करीब 24 बड़े वाहन और 48 मोटरसाइकिलें आग के हवाले कर दी गईं, जिससे कई घरों को काफी नुकसान पहुंचा. जवाब में, गुरुवार सुबह-सुबह स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की टुकड़ियां तैनात की गईं.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 14, 2024, 02:25 PM IST
  • नरेश मीना को गिरफ्तार किया गया
  • गिरफ्तारी के दौरान ग्रामीणों ने हस्तक्षेप किया
Rajasthan bypoll: कौन हैं नरेश मीना और क्यों मारा SDM को थप्पड़? जानें- टोंक में कैसे फैली हिंसा

Tonk violence: राजस्थान के टोंक जिले में बुधवार को उपचुनाव के दौरान एक चुनाव अधिकारी को थप्पड़ मारने के मामले में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना को आज गिरफ्तार कर लिया गया. यह गिरफ्तारी कल मीना के सैकड़ों समर्थकों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद की गई है. दरअसल, बीते दिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की थी, जो कि सफल नहीं सका था. इस दौरान वाहनों में आग लगा दी गई और पत्थरबाजी हुई, जिसके कारण पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़नी पड़ी.

वहीं, नरेश मीना की गिरफ्तारी के बाद भी उनके समर्थकों ने रोड जाम करते हुए आगजनी की. दरअसल, बुधवार देर शाम समरवता गांव में तनाव तब बढ़ गया जब पुलिस ने उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) अमित चौधरी पर मतदान केंद्र के बाहर हमला करने के आरोप में मीना को गिरफ्तार करने का प्रयास किया, जहां अधिकारी चुनाव प्रक्रियाओं की देखरेख कर रहे थे. झगड़ा कैमरे में कैद हो गया.

 

जैसे ही पुलिस ने मीना को गिरफ़्तार करने का प्रयास किया, हिंसा भड़क उठी, दंगाइयों ने अधिकारियों पर पत्थर फेंके और वाहनों को आग लगा दी. अजमेर रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने पुष्टि की कि हिंसा के सिलसिले में कम से कम 60 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

इस घटना के बाद गांव में तबाही का मंजर देखने को मिला. करीब 24 बड़े वाहन और 48 मोटरसाइकिलें आग के हवाले कर दी गईं, जिससे कई घरों को काफी नुकसान पहुंचा. जवाब में, गुरुवार सुबह-सुबह स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की इकाइयों को तलाशी अभियान चलाने और व्यवस्था बहाल करने के लिए तैनात किया गया.

क्या है SDM को थप्पड़ मारने का मामला?
टोंक एसपी विकास सांगवान ने घटनाक्रम के बारे में बताया, 'समरावता गांव में कुछ लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया था. मामले को सुलझाने के लिए एसडीएम, तहसीलदार, एडिशनल एसपी और अन्य अधिकारी इलाके में गए थे. इस दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीना मतदान केंद्र में घुस आया और उसने एसडीएम के साथ मारपीट की. एडिशनल एसपी ने तुरंत उसे रोका. कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. हमारे हस्तक्षेप के बाद मतदान शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ.'

अपने बचाव में नरेश मीना ने आरोप लगाया कि एसडीएम अमित चौधरी ने स्थानीय लोगों के साथ मारपीट की थी. मीना ने दावा किया, 'एसडीएम ने पहले भी हिंडोली में एक महिला, उसके पति और एक शिक्षक के साथ मारपीट की थी और नौकरी जाने की धमकी देकर उन्हें वोट डालने के लिए मजबूर किया था. मेरे समर्थकों को 25 अक्टूबर से परेशान किया जा रहा है; मेरे प्रचार पोस्टर फाड़ दिए गए और लोगों को मेरे लिए वोट करने से रोकने की कोशिश की गई.'

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अमित चौधरी ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को वोट देने के लिए प्रेरित कर रहे थे. स्थानीय लोगों ने समरवता गांव को देवली के बजाय उनियारा उप-मंडल में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था, क्योंकि उनियारा सबसे नज़दीकी स्थान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नरेश मीना ग्रामीणों का समर्थन कर रहे थे.

कौन हैं नरेश मीना?
नरेश मीना राजस्थान के टोंक जिले से कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार हैं. उन्होंने एसडीएम मालपुरा अमित चौधरी का कॉलर पकड़ा और उन्हें थप्पड़ मार दिया. मीना कभी डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के खास रहे थे. इनको दिग्गज कांग्रेस नेता सचिन पायलट का भी करीबी माना जाता है. वह बारां जिले के घबड़ा के रहने वाले हैं. उन्होंने पिछले साल इसी सीट से टिकट मांगा था, लेकिन कांग्रेस ने नहीं दिया तो वह पार्टी छोड़ बागी हो गए और चुनाव में करीब 44 हजार वोट लाकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया और भाजपा करीब 5 हजार वोटों से जीत गई.

वहीं, साल 2023 में भी नरेश मीना को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दरअसल, तब कांग्रेस नेता दिनेश मीना की मारपीट के बाद मौत हो गई थी, तब नरेश मीना के नेतृत्व में भारी हिंसा हुई थी. उनके समर्थकों ने तब भी उग्र प्रदर्शन किया था, जहां उन्हें तब भी गिरफ्तार किया गया था और हजारों समर्थकों ने तब कलेक्ट्रेट घेर लिया था.

RAS की हड़ताल
राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) एसोसिएशन ने कलम बंद हड़ताल का आह्वान किया था और सुबह कुछ समय के लिए सरकारी कामकाज प्रभावित रहा. मीणा के खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए, जिनमें सार्वजनिक काम में बाधा डालना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना शामिल है.

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