विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बोले ग्रीनमैन, 'हमें अगले हर 3 सेकंड की सांस का खुद इंतजाम करना होगा'

प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने का ही ये नतीजा है कि आज पेड़ और सांस कम हो रही है. चारों तरफ ऑक्सीजन की मांग इतनी बढ़ गई है कि सिलेंडर के लिए लोग लाइनों में लगे हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 5, 2021, 10:48 AM IST
  • ग्रीनमैन बोले प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा है वर्तमान परिदृश्य
  • विदेश में भी पौधारोपण की अलख जगा चुके हैं ग्रीनमैन
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बोले ग्रीनमैन, 'हमें अगले हर 3  सेकंड की सांस का खुद इंतजाम करना होगा'

नई दिल्ली: दुनिया भर में आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुकता और पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इसी बीच विजयपाल उर्फ ग्रीनमैन ने सभी लोगों से अपील की है कि आज के दिन हमें संकल्प लेना होगा कि हमें अगले 3 सेकेंड बाद की सांस का इंतजाम खुद करना है.

दरअसल इस दिन को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए वर्ष 1972 में की थी. इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था.

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर लोग एक दूसरे को संदेश भेजते हैं. इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. वहीं बढ़ती आधुनिक दुनिया और जिंदगी की भाग-दौड़ के बीच धरती पर हर दिन प्रदूषण बेहद तेजी से बढ़ रहा है.

पर्यावरण में अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ने से तापमान में भी तेजी देखी जा रही है.

हालांकि जिस तरह से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, उसके कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही है, इसके अलावा समय के साथ साथ कई पशु-पक्षी भी विलुप्त होते जा रहें हैं.

प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा है वर्तमान परिदृश्य

पर्यावरणविद व ग्रीनमैन के नाम से मशहूर विजय पाल बघेल ने मीडिया को बताया , आज पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मना रही है. 

पर्यावरण दिवस की शुरूआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आज ही के दिन पूरी दुनिया ने पर्यावरण बचाने की चिंता जाहिर करने के साथ की थी. लेकिन इतने वर्ष के सफर के पूरी दुनिया में यदि कोई बड़ी समस्या है तो वह प्रदूषण की है.

उन्होंने कहा, कोरोना महामारी के कारण हर जगह परेशानी हो रही हैं. इसके मुख्य कारण में जाएं तो आप पाएंगे कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने का ही ये नतीजा है. आज पेड़ और सांस कम हो रही है. चारों तरफ ऑक्सीजन की मांग इतनी बढ़ गई है कि सिलेंडर के लिए लोग लाइनों में लगे हैं.

उन्होंने कहा, पेड़ कम हो रहें है सांस कम हो रही है, आज के अवसर पर हमें संकल्प लेना है कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और बचाएं. वहीं अगले 3 सेकेंड में जो सांस ले उसका इंतजाम हम खुद करें. क्योंकि एक दिन जिंदा रहने के लिए हमें 22 हजार बार सांस लेना होता हैं.

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विदेश में भी पौधारोपण की अलख जगा चुके हैं ग्रीनमैन

विजयपाल बघेल उर्फ ग्रीनमैन हिंदुस्तान के अलावा ब्राजील, जापान, भूटान, नेपाल, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, इगलैंड और यूएन आदि देशों में पौधारोपण की अलख जगा चुके हैं.

इसके अलावा उन्हें पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. विजयपाल ने बताया, वर्ष 2004 में वह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ पौधरोपण कर रहे थे. उसी दौरान कलाम जी ने मुझसे कहा कि, तुम्हारा मन तो हरा है, तन भी हरा कर लो.

उस वक्त से लेकर अब तक विजयपाल हरे रंग के कपड़े ही पहन रहे हैं. वहीं उन्हें अब तक उनके काम के लिए विभिन्न पुरस्कारों से भी सम्मनित किया जा चुका है. जिसके कारण उन्हें अब हर कोई ग्रीनमैन ही कहकर पुकारता है.

वहीं विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने से पहले हर साल के लिए एक थीम का चयन किया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम इकोसिस्टम रेस्टोरेशन हैं, इसके तहत पेड़ उगाना, शहर को हरा-भरा करना, बगीचों को फिर से बनाना, आहार बदलना या नदियों और तटों की सफाई करना आदि शामिल है.

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