नई दिल्लीः नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन रविवार को जंतर-मंतर से 109 सहित दिल्लीभर में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि पहलवानों साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पहलवानों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, लोक सेवक को कर्तव्य से रोकने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया.
पहलवानों को देर शाम रिहा किया गया
हिरासत में लिए गए पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और संगीता फोगाट सहित सभी महिला प्रदर्शनकारियों को रविवार देर शाम रिहा कर दिया गया. जनपथ से हिरासत में लिए गए नजफगढ़ के करीब 14 प्रदर्शनकारियों को रात करीब 10 बजे रिहा कर दिया गया और पालम खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी सहित 16 प्रदर्शनकारियों को रात करीब साढ़े दस बजे वसंत विहार थाने से रिहा कर दिया गया.
महिला पंचायत का किया गया था आह्वान
सर्व खाप महापंचायत और प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रविवार को दिल्ली में नवनिर्मित संसद भवन के बाहर महिला पंचायत आयोजित करने का आह्वान किया था, ताकि उघाटन करने आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान इन पीड़िता ओलंपियन पहलवानों की तरफ जाए.
सुरक्षा घेरा तोड़ने के प्रयास के बाद बढ़ा तनाव
नए संसद भवन की ओर कूच करने से रोके जाने पर विनेश फोगाट, उनकी बहन संगीता फोगट और अन्य पहलवानों ने सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया, जिसके बाद तनाव बढ़ गया. इसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस अधिकारियों में धक्का-मुक्की हुई. जब वे धरना देने के लिए सड़क पर बैठ गए तो उन्हें घसीटकर ले जाया गया और पुलिस वैन डाल दिया गया.
इस दौरान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और उनके समर्थकों सहित सभी पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें अलग-अलग थानों में रखा गया.
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहा धरना
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने रविवार को शहर की पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ मारपीट की निंदा की और यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. इन पहलवानों का जंतर-मंतर पर धरना 23 अप्रैल से ही चल रहा था.
पुलिस बोली- जंतर-मंतर फिर से इकट्ठा नहीं होने देंगे
उधर, पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना स्थल से उनकी चटाई, टेंट और सारा सामान उठाकर फेंक दिया. विरोध प्रदर्शन को बलपूर्वक खत्म करने की पुलिस की कोशिशों के कारण विरोध स्थल सुनसान दिखाई दिया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर पर वापस जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.'
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