मुंबई: नगदी संकट से जूझते यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को 11 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है. मुंबई की विशेष अवकाश अदालत ने कपूर को तीन दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजने के आदेश दिए. ईडी ने उसे रविवार को तड़के 3 बजे उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था. बता दें कि ED ने मुंबई स्थित राणा कपूर के घर पर छापा मारा था. इस दौरान यस बैंक से जुड़े दस्तावेज़ खंगाले गए.
कई गंभीर आरोप
राणा कपूर पर आरोप है कि उन्होंने कई शेल कंपनियों का गठन किया है ताकि कथित रूप से रिश्वत में मिली रकम को खपाया जा सके. ईडी के पास इस बात के सबूत हैं कि डीएचएफल को राणा कपूर की मदद से लोन दिया गया, जबकि डीएचएफल इसे चुकाने में नाकाम था. ईडी ने शुरुआती जांच में ये पता लगाया है कि यस बैंक ने DHFL को क़रीब 3 हज़ार करोड़ का बैड लोन दिया था. राणा कपूर और DHFL के बीच संबंध का पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है. आरोप है कि कर्ज के बदले में कपूर की पत्नी के खातों में कथित तौर पर रिश्वत की रकम भेजी गई थी.
RBI ने यस बैंक को अपने नियंत्रण में लिया
आपको बता दें कि आरबीआई ने कहा था कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. आदेश 5 मार्च 2020 यानी शाम 6 बजे से प्रभावी हो गया है और फिलहाल के लिए 3 अप्रैल 2020 तक प्रभावी रहेगा.
जानिये यस बैंक पर RBI की नकेल की कहानी
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यस बैंक पर सख्ती बरतते हुए इससे निकासी की सीमा 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय की है. आरबीआई का ये आदेश अगले एक महीने के लिए है. एनएसई ने यस बैंक के फ्यूचर और ऑप्शन सौदों पर रोक लगा दी है. इसकी वजह से देश भर के यस बैंक ग्राहकों में डर कायम हो गया है और गुरुवार रात कई शहरों में यस बैंक के एटीएम में ग्राहकों की कतारें देखी गईं.
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