नई दिल्ली. ग्रेटर नोएडा को इस दम्पति पर नाज़ है क्योंकि इन्होने जिस मुहिम की शुरुआत की है वह प्रेरणा है तमाम उन लोगों के लिए जो सरकार से पर्यावरण की रक्षा की अपेक्षा तो पूरी रखते हैं पर अपने स्तर पर इस दिशा में कोई भी कदम उठाना नहीं चाहते.
पंचशील ग्रीन सोसाइटी से की शुरुआत
नोएडा की पंचशील ग्रीन सोसाइटी में रहने वाले पति-पत्नी अमित कुमार और अग्रता ने छोटे स्तर पर की है यह बड़ी शुरुआत. इस दम्पति ने प्रदूषण मुक्त शहर की परिकल्पना को वास्तविकता के धरातल पर उतारने के लिए छेड़ी है ये मुहिम और खुद काम करके ये दूसरों के लिये प्रेरणा बन रहे हैं.
शहरीकरण ने बढ़ाया प्रदूषण
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है. दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से मुक्ति के भरसक प्रयत्न किये लेकिन फर्क ज्यादा कुछ नहीं पड़ा. कारण यह है कि जब जन-स्तर पर इस दिशा में प्रयत्न नहीं होंगे तो बड़े परिवर्तन की उम्मीद करना बेकार ही है. शहरों के ग्रीन जोन खत्म किये जा रहे हैं और वहां कंक्रीट की गगनचुम्बी इमारतें बनाई जा रही हैं. इस नामुराद इंसानी कोशिश ने न केवल वायु-प्रदूषण को दावत दी है बल्कि फ़्लोरा और फाउना की सहजीविता को भी संकट में डाल दिया है.
प्रदूषण के विरुद्ध शुरू की मुहिम
प्रदूषण से पर्यावरण की दिनोंदिन खराब हो रही स्थिति को मद्देनज़र रख कर ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पंचशील ग्रीन-2 सोसायटी में रहने वाले इस दम्पति ने अपने छोटे कंधों पर यह बड़ा भार उठाने का संकल्प किया है और अपने शहर या राज्य के लिए ही नहीं बल्कि देश भर के दम्पतियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनने का कार्य किया है.
अब तक लगा लिए हैं 300 पौधे
अमित कुमार और अग्रता ने न केवल अपनी बिल्डिंग के भीतर पर्यावरण के इस अभियान को कार्यान्वित किया है बल्कि बिल्डिंग के बाहर निकल कर भी उसके चारों तरफ पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं. इस पर्यावरण-जागृत पति-पत्नी ने अब तक तीन सौ से अधिक पौधे लगाए हैं. यह दम्पति पौधे लगा कर उन्हें उनके हाल पर छोड़ नहीं देते बल्कि उनकी देखभाल की भी पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
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