जयपूर: मानसून के बाद राजस्थान के प्रदेशभर से भूजल पर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई थी. प्रदेश के 295 ब्लॉक में से 185 ब्लॉक डार्क जोन में चले गए हैं. इनमें से केवल 45 ब्लॉक ही ऐसे है जो सुरक्षित है. 29 ब्लॉक सेमी क्रिटिकल, 33 क्रिटिकल और 3 ब्लॉक ऐसे है जहां पीने योग्य पानी ही नहीं है. जलदाय मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि भूजल स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि अतिदोहित इलाकों में ट्यूबवेल्स के अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जाए. जिला कलक्टर्स की निगरानी में प्रशासन अवैध ट्यूबवेल्स पर कार्रवाई करे ताकि भूजल का अतिदोहन ना हो.
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सरकार के जल संरक्षण पर निर्देश
सरकार ये भी सुनिश्चित करेगी कि मानसून में बरसने वाला पानी बर्बाद ना हो. इसके लिए सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बारिश के पानी का संचय किया जा सके. सरकार यह भी ध्यान देगी कि घर की छतों पर सुनियोजित वाटर रिचार्ज सिस्टम तैयार करवाया जाए. राज्य सरकार ने हर ग्राम पंचायत में एक रिचार्ज सिस्टम बनाने के निर्देश दे रखे हैं. लेकिन अभी भी अधिकतर पंचायत ऐसी है ,जहां ये सिस्टम अब तक नहीं लगाया गया है. आने वाले दिनों में सरकार का वाटर रिचार्ज पर अधिक फोकस रहेगा. ताकि भूजल को अधिक से अधिक रिचार्ज किया जा सके. इसके साथ ही मंत्री बीडी कल्ला ने यह भी सलाह दी है कि यहां कृषि का सिस्टम बदला जाए और बूंद-बूंद सिस्टम से सिंचाई की जाए.
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राजस्थान के 33 में से 8 जिले तो ऐसे है जहां 100 फीसदी ब्लॉक डार्क जोन में चले गए. डूंगरपुर और बांसवाडा को छोड़ बाकी के जिलों की स्थिति भी ठीक नही है. ऐसे में अब राज्य सरकार के अलावा हमारी और आपकी भी जिम्मेदारी बनती है कि अपने कल को सुरक्षित रखने के लिए पानी का ज्यादा से ज्यादा संचय किया जाए.