नई दिल्ली. मजबूरी से हर इंसान अपराधी नहीं बन जाता, अपराध का मनोविज्ञान भी इसके पीछे जिम्मेदार होता है. जल्दी और बिना मेहनत के पैसे कमाने की सोच ही इस अपराधी मनोविज्ञान को शह देती है. ऐसा ही कुछ हुआ इस दो घंटे की दुल्हन के साथ.
पांच हज़ार लेती थी
अपनी चालाक मेहनत के बदले में सिर्फ पांच हज़ार वसूलती थी ये लुटेरी दुल्हन. चाहे कमाई लाखों की हो, इसको तो सिर्फ अपने पांच हज़ार से मतलब होता था. इस लुटेरी दुल्हन वाली ये कहानी है ताज नगरी आगरा की. दो घंटे का काम और पांच हज़ार का इनाम, बस इतना ही याद रहता था इस फरेबी दुल्हन को.
सुहागरात के पहले कर देती थी काम
इस फरेबी दुल्हन को प्रशिक्षित किया गया था या ये लूट की योजना इसके अपने दिमाग की उपज थी, इसका अभी पता नहीं चला है. ये लड़की दो हज़ार रूपयों के बदले में लाखों की लूट करती थी. शादी के बाद सुहागरात पहले ही ये अपना काम निपटा लेती थी. दरअसल यह अपनी शादी की दावत के समय ही खाने में नशीला पदार्थ मिला कर सारे घर को सुला देती थी उसके बाद कीमती सामान ले कर चम्पत हो जाती थी.
गिरफ्तार हो गई लुटेरी दुल्हन
आगरा पुलिस के हाथों गिरफ्तार होने के बाद इस लूटेरन ने बताया कि कुछ साल पहले एक महिला ने उसे एक युवक से मिला कर यही खेल कराया था. उसको दो हज़ार दे कर उस महिला ने उस युवक की दो घंटे के लिए पत्नी बनने की कीमत पांच हज़ार अदा की थी. सरवन नामक उस विधुर व्यक्ति की तीन छोटी बेटियां थीं. यहां इस शादी के बाद फरार हुई इस दुल्हन को लुटेरी बनने की पहली ट्रेनिंग मिल गई थी.
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