नई दिल्ली. भारत कोरोना से जूझ रहा है और दुनिया में भी कोरोना से राहत नहीं है. ऐसे में भारत अपनी पीपीई किट्स के माध्यम से दुनिया की कोरोना से जंग में मदद करने जा रहा है. भारत आत्मनिर्भर भी हो रहा है और विश्व-व्यापार में एक बड़ी भूमिका के लिए भी तैयार हो रहा है.
भारत में शुरू हुआ कोरोना-उद्योग
भारत ने न केवल कोरोना-निर्यात में एक अच्छी शुरुआत करने जा रहा है बल्कि इस समय जब दुनिया को कोरोना-उपकरणों की आवश्यकता है, भारत कोरोना-उद्योग में भी प्रगतिशील हो गया है. कोरोना संक्रमण की शुरुआत में भारत में पर्याप्त संख्या में पीपीई किट्स का निर्माण नहीं होता था. लेकिन कुछ महीनों में ही भारत ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जहां वह अपने लिए ही नहीं दुनिया के देशों के लिए पीपीई किट का निर्यात करने जा रहा है. आज भारत एक दिन में साढ़े चार लाख पीपीई किट्स का निर्माण कर रहा है.
50 लाख PPE किट्स होंगी निर्यात
आवश्यकता अविष्कार की जननी है. भारत में कोरोना संक्रमण आया तो भारत ने कोरोना-उपकरणों की आवश्यकता की आपूर्ति के लिए कमर कस ली. भारत को वास्तविक रूप से आत्मनिर्भर कोरोना काल ने ही बनाया है और अब भारत कोरोना मेडिसिन हो, मास्क हो या पीपीई किट्स - हर कोरोना उत्पाद का निर्यात करने की स्थिति में पहुँच गया है. केंद्र सरकार की सहमति मिलते ही एक महीने में भारत दूसरे देशों को 50 लाख पीपीई किट एक्सपोर्ट करने जा रहा है.
टेक्सटाइल इंडस्ट्री ने की मांग
कोरोना संक्रमण से पहुंचे नुकसान की पूर्ति के लिए टेक्सटाइल इंडस्ट्री पीपीई किट्स के एक्सपोर्ट की मांग कर रही है. इनका कहना है कि जरूरत से ज्यादा पीपीई किट्स के निर्माण के कारण इनका देश के बाहर एक्सपोर्ट किया जा सकता है जिससे कोरोना-नुकसान कम किया जा सकता है.