नई दिल्लीः शुक्रवार सुबह अचानक ही चौंकाने वाली खबर आई कि पीएम नरेंद्र मोदी लेह पहुंचे हैं. यह खबर भारतीय मीडिया समेत वैश्विक खबरों में सुर्खियां इसलिए है क्योंकि इस वक्त देश सीमा पर चीन से जूझ रहा है. पीएम मोदी का वहां पहुंचना रणनीतिक परिवर्तन या फिर ऐसा कह लें कि किसी नए ठोस कदम उठाए जाने की ओर संकेत है.
नीमू पोस्ट पहुंचे पीएम मोदी
यह कुछ और न भी हो फिर भी सीमा पर लगातार जुझारु स्थिति में पड़ोसी देश के नापाक इरादों से दो-दो हाथ कर रहे भारतीय जवानों का मनोबल बढ़ाना तो है ही.
पीएम मोदी के लेह की नीमू पोस्ट की ओर बढ़े कदम यह भरोसा दिला रहे हैं कि भारत का प्रधानमंत्री हर परिस्थिति में आपके साथ है.
हर दिवाली जवानों के साथ करते हैं रौशन
अब अगर लेह की ओर पीएम के रुख करने की बात करें तो यह कोई नई बात नहीं है. बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी बॉर्डर की ओर रुख कर चुके हैं. सीमा से उनका प्यार नया नहीं है. बल्कि जब देश भर में होली की फुहारें और दिवाली की रोशनी जगमगाती है तो प्रधानमंत्री इन अजीज मौकों को जवानों के साथ साझा करते हैं.
2014 से शुरू हुआ सिलसिला
बात करते हैं 2014 की, यह वह साल है जब भाजपा सत्ता में आई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्तासीन हुए. यह वह साल था जब पीएम मोदी ने पहली दिवाली सियाचिन सीमा पर जवानों के साथ मनाईथी. तब वह दुनिया की सबसे ऊंची बैटलफील्ड पर पहुंचे थे.
इसके बाद वह हर साल अलग-अलग सीमा पर जवानों के साथ होते हैं.
जब पीएम मोदी बोले-आपसे हाथ मिलाकर मिलती है ऊर्जा
इसी तरह 2015 की दीवाली उन्होंने अमृतसर में मनाई थी. यहां डोगराय वॉर मेमोरियल में 1965 युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी थी. 2016 में उन्होंने ITBP, इंडियन आर्मी और डोगरा स्काउट्स के जवानों संग दिवाली मनाई थी.
2017 में वह कश्मीर के गुरेज सेक्टर में तैनात जवानों से मिलने पहुंचे थे. यह भी दिवाली का मौका था. उन्होंने जवानों से कहा था आपसे हाथ मिलाकर मुझे ऊर्जा मिलती है.
अपने हाथों से खिलाई थी मिठाई
नवंबर 2018 में दिवाली पर पीएम उत्तराखंड के हारसिल में जवानों से मिले थे. पिछले साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर तैनात जवानों संग उन्होंने दिवाली मनाई थी. पीएम ने बीजी ब्रिगेड हेडक्वार्टर्स में सैनिकों को अपने हाथों से मिठाई खिलाई थी.
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