नई दिल्ली. एक ज़माने में परियों की कहानियों में शायद ऐसा होता होगा. ज़मीन पर रेंग रहे कीड़े की पीठ पर सवार एक कैमरा कीड़े के साथ आगे बढ़ता रहता है और उसकी जासूसी चलती रहती है. वो लगातार तस्वीरें खींचता रहता है और दूसरी तरफ एक मोबाइल पर सारी तस्वीरों को भेजना भी वो नहीं भूलता. ऐसे में पता चलता है कि कई बार छोटा होना भी बहुत बड़े होने के बराबर होता है.
वैज्ञानिकों ने बनाया है इतना छोटा कैमरा
पहली बार वैज्ञानिकों ने इतना छोटा कैमरा बनाने में कामयाबी पाई है कि वो उसे एक झींगुर के पीठ पर चढ़ा देते हैं और उसके बाद झिंगुर उनके लिए काम करता है जासूसी का. जहां जहां वो जाता है तस्वीरें खींचती रहती हैं और इधर मोबाइल पर आती रहती हैं. कैमरा इतना छोटा और हल्का है कि उसको अपनी पीठ पर बैठा कर झींगुर को कोई परेशानी भी नहीं होती.
कीट-पतंगों की दुनिया हो सकेगी बेपर्दा
मानवीय पर्यावरण को बचाये रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी कीट पतंग भी उठाते हैं. लेकिन उनकी दुनिया कैसी होती है और उनकी दुनिका में क्या चल रहा होता है उसे जानना इंसान के लिए बहुत मुश्किल होता है. इन छोटे छोटे प्राणियों का संसार बहुत छिपा रहता है इस कारण मनुष्य उनके बारे में जान नहीं पाटा. लेकिन अब यह मुमकिन हो सकेगा क्योंकि झिंगुरी कैमरा अब हो गया है तैयार.
वाशिंगटन विश्वविद्यालय को जाता है श्रेय
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को जाता है इस विशेष झिंगुरी कैमरे को विकसित करने का श्रेय. ये छोटा और बहुत हल्का झिंगुरी कैमरा इन कीट-पतंगों की पीठ पर बैकपैक की तरह लगाया जा सकता है. और उसके बाद यह न केवल उन कीट-पतंगों के साथ चलते चलते तस्वीरें खींच कर भेजता रहेगा बल्कि वीडियो रिकार्ड करके भी मोबिलिए में भेजता रहेगा.
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