नई दिल्ली. जब लोगों ने ढाई हज़ार ब्राह्मणो को न्योते पर आते देखा और उनको भोजन करते देखा तो हैरान नहीं हुये. लेकिन जब लोगों को ये पता चला कि ये भोजन का आयोजन एक भिखारी ने कराया तो लोग अचरज में पड़ गए. जी हां ऐसा हुआ है और गुजरात में हुआ है.
अहमदाबाद की है ये घटना
अहमदाबाद में एक स्थान है जिसका नाम है डाकोर. यहां है रणछोड़ राय भगवन कृष्ण का एक प्रसिद्ध मंदिर. इस मंदिर पिछले 45 वर्षों से भीख मांग रहे हैं एक सज्जन जो अब वृद्ध हो गए हैं. इन भिखारी महोदय ने 2500 ब्राह्मणों को भोजन ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें सुस्वादु भोजन कराया. जिसे भी ये बात पता चली, वो हैरान रह गया.
शंकरलाल जोशी नाम है इन सज्जन का
शंकरलाल जोशी जी रणछोड़ राय मंदिर में भीख मांगते हैं. ये जन्म से ही नेत्रहीन हैं. भीख मांग कर अपना गुजर बसर करने वाले ये वयोवृद्ध भिखारी महोदय सुबह चार बजे मंगला आरती के साथ ही डाकोर मंदिर के कोट के दरवाजे पर पहुंच जाते हैं और फिर वे तरह-तरह के भजन गा कर मंदिर के द्वार पर भीख मांगते हैं. जोशी जी डाकोर के गोपालपुरा क्षेत्र के एक मकान में किराए पर रहते हैं. उन्होंने सार्वजनिक रूप से डाकोर के ब्राह्मणों को आमंत्रित करके उनको भोजन करवाया.
पैंतालीस साल से बचाया था ये पैसा
बुजुर्ग हो चुके भिखारी भगवानदास जी बताते हैं कि आज तक उन्होंने रणछोड़ राय के मंदिर में भीख मांगकर आज तक जो कुछ भी एकत्र किया है उसका तर्पण तो मुझे करना ही था. सो मैंने कर दिया. मैंने भी तो डाकोर के ब्राह्मणों के यहां विविध अवसरों पर भोजन किया है. जीवन भर मैंने जिन लोगों का भोजन किया कभी मैं भी तो उनको भोजन कराता. मेरे पास भीख मांगकर जो भी इकट्ठा हुआ है वो समाज का ही तो है. मैं अगले जन्म के लिए परोपकार कर रहा हूँ.
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