WHO ने अब कहा -जवानों को दो साल बाद मिलेगी कोरोना वैक्सीन

फिर आ गया एक और नकारात्मक बयान कोरोना कॉन्सप्रेसी में चीन के साथ शामिल होने के आरोपी डब्ल्यूएचओ का..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 16, 2020, 11:08 PM IST
    • 2022 तक करना होगा इंतज़ार
    • संगठन के वैज्ञानिक का बयान
    • 'अगले साल एक ही वैक्सीन मिल पायेगी'
WHO ने अब  कहा -जवानों को दो साल बाद मिलेगी कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली.  डब्ल्यूएचओ को अमेरिका ने चीन का सेवक कहा था जो बिलकुल गलत नहीं लग रहा. डब्ल्यूएचओ की हर गतिविधि चीन के समर्थन में जाती दिखाई देती है. चीन की कोरोना दवा दुनिया भर में बाइक इसके लिए यह वैश्विक संगठन लगातार कोरोना को लेकर नकारात्मक वक्तव्य दे रहा है ताकि दुनिया में कोरोना के प्रति भी और निराशा का वातावरण बने. अब डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि 2022 में मिल सकेगी कोरोना वैक्सीन जवानों और स्वस्थ लोगों को.

 2022 तक करना होगा इंतज़ार

ये वही डब्ल्यूएचओ है जिसने पहले ये कहा था कि इस साल कोरोना की वैक्सीन नहीं बन पाएगी. लेकिन जब रूस की वैक्सीन बन कर तैयार हो गई तो उसने उसके लिए कहा कि यह प्रामाणिक और सुरक्षित वैक्सीन नहीं है. इसके बाद फिर डब्ल्यूएचओ का बयान में चीन की वैक्सीन की तारीफ़ दिखाई दी. अब यह संगठन कह रहा है कि युवा और स्वस्थ लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज़ पाने के लिए अभी और दो वर्ष इंतज़ार करना पड़ेगा.

संगठन के वैज्ञानिक का बयान 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मंच से उनके वैज्ञानिक ने दिया है यह अजीबोगरीब बयान. इस बयान के मुताबिक़ वर्ष 2022 तक दुनिया के सभी युवाओं और स्वस्थ लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु तैयार की गई वैक्सीन नहीं मिल सकती है. इन सभी लोगों को तब तक प्रतीक्षा करनी होगी जब तक शेष सभी लोगों को वैक्सीन का डोज़ न मिल जाए. डब्ल्यूएचओ के इन चीफ साइंटिस्ट महोदय का नाम है सौम्य स्वामीनाथन. 

क्या कहा स्वामीनाथन ने 

डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक सौम्य स्वामीनाथन ने कहा कि अगले साल अर्थात वर्ष 2021 तक पूरी उम्मीद है कि कम से कम एक असरदार वैक्सीन दुनिया को मिल जायेगी. उन्होंने कहा कि यद्यपि यह सीमित संख्या में होगी और इसी कारण इसे सिर्फ उन लोगों को दिया जाएगा जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यसकता होगी. इस सूची में स्वास्थ्यकर्मी और हाई रिस्क वाले लोगों को वरीयता प्रदान की जायगी.

 

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