नई दिल्ली: 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और साल की सबसे लंबी रात होती है. आज के ही दिन उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दियों के मौसम की शुरुआत होती है और यह 20 मार्च तक चलेगी.
क्यों होती है सबसे लंबी रात
इस दिन को विंटर सॉल्सटिस भी कहते हैं क्योंकि मकर रेखा पृथ्वी के सबसे पास होती है, पृथ्वी अपने घूर्णन के अक्ष पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई होती है. इस घटित होने वाली घटना को खगोलीय घटना भी कहते हैं. पृथ्वी के झुकाव के चलते हर गोलार्ध को पूरे साल अलग-अलग मात्रा में सूर्य की किरणें प्राप्त होती है. 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें सीधे ही भूमध्य रेखा के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचती है. ये किरणें सीधे ही पूरे साल में दो बार पृथ्वी पर भूमध्य रेखा से होकर पहुंचती है जो एक बार 22 दिसंबर में और दूसरी बार 21 जून को पहुंचती है.
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विंटर सॉल्सटिस के नाम से जाने जाने वाला यह दिन इस दिन सूर्य पृथ्वी से काफी दूर रहता है जिससे चांद की रोशनी पृथ्वी पर काफी देर तक रहती है. सॉल्सटिस शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ होता है सूर्य अभी स्थिर है. क्योंकि सॉल्सटिस के समय सूर्य जब अपनी दिशा उत्तर या दक्षिण की ओर बदलता है उससे पहले थोड़ी देर के लिए ठहर जाता है.
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जैसे विंटर सॉल्सटिस को कई जगहों पर सेलिब्रेट किया जाता है वैसे ही समय सॉल्सटिस को भी त्यौहार की तरह लोग मनाते हैं. लेकिन इसका असर बिल्कुल उलटा होता है इस दिन रात छोटी और दिन लंबी होती है.