कैंसर की दवा बनाने के एक कदम करीब वैज्ञानिक, खोजा सहयोगी जींस

जीन एडिटिंग तकनीक की मदद से वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कैंसर कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए शरीर में मौजूद कौन से जींस की जरूरत होती है. इससे अब ये उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में कैंसर की आधुनिक दवा तैयार होगी जिससे उस जीन्स को खत्म किया जा सकेगा जिससे कैंसर कोशिकाएं फैलती हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 22, 2019, 07:17 AM IST
कैंसर की दवा बनाने के एक कदम करीब वैज्ञानिक, खोजा सहयोगी जींस

नई दिल्लीः कैंसर की नई दवा बनाने की दिशा में वैज्ञानिक एक कदम और आगे बढ़ गए हैं. ब्रिटेन और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पहली बार 25 प्रकार के कैंसर की जेनेटिक मैपिंग कर उनके परिणामों का मूल्यांकन किया है. जीन एडिटिंग तकनीक की मदद से वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कैंसर कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए शरीर में मौजूद कौन से जींस की जरूरत होती है.
इससे अब ये उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में कैंसर की आधुनिक दवा तैयार होगी जिससे उस जीन्स को खत्म किया जा सकेगा जिससे कैंसर कोशिकाएं फैलती हैं. दवा से दर्जनों तरह के कैंसर में जींस को टारगेट कर उसे खत्म किया जा सकता है।. शोध में अलग-अलग तरह के कैंसर से पीड़ित 25 मरीजों से 725 कैंसर कोशिकाओं की लाइन तैयार की गई. इसके बाद शोध संस्थानों ने इसका अध्ययन किया.

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परिणाम का मिलान किया तो दोनों एक समान थे. वैज्ञानिकों ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कैंसर कोशिकाओं की सबसे बड़ी जेनेटिक स्क्रीनिंग बताई है जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. शोध ब्रिटेन के वेलकम सांगेर इंस्टीट्यूट, मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, के वैज्ञानिकों ने किया है जो हाल ही नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

दवा बनाने में आसानी होगी
एमआईटी के ब्रोड इंस्टीट्यूट के प्रो. अवियाद तेशेरनियाक का कहना है कि इस तरह का ये पहला शोध है. कैंसर पर शोध करने वालों के लिए अहम है. हमने दो अलग-अलग अध्ययन में ये पाया है और इसमें किसी भी तरह का मतभेद नहीं है. भविष्य में इससे कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए दवा तैयार हो सकेगी. वेलकम सांगेर इंस्टीट्यूट के डॉ. फ्रांसेस्को ओरिया का कहना है कि इस शोध के बाद कैंसर के इलाज में हम और एक पीढ़ी आगे निकलेंगे.

हृदय रोग के बाद कैंसर मौत की बड़ी वजह
भारत में हृदय रोग के बाद कैंसर से मौत दूसरी बड़ी वजह है. कैंसर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 75 साल की उम्र से पहले 9.81 फीसदी पुरुषों और 9.42 फीसदी महिलाओं में कैंसर होने का खतरा रहता है. 75 साल की उम्र से पहले 7.34 फीसदी पुरुषों और 6.82 फीसदी महिलाओं की मौत कैंसर जैसी बीमारी से होने की संभावना रहती है.

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