LAC पर चीन के सैनिकों के पीछे हटने के सबूत

समझौते के बाद LAC पर चीन के सैनिकों के पीछे हटने के नए सबूत आए हैं. पैंगोंग झील के पास चीन के टैंक पीछे हट रहे हैं. अस्थायी निर्माण को भी हटाया गया.

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास LAC पर पीछे हट रही चीन की सेना के नए सबूत सामने आए हैं. पैंगोंग झील के किनारे चीन के टैंक पीछे हट रहे हैं. साथ में वो अस्थायी निर्माण को भी तोड़ रही है.

11 फरवरी को रक्षा मंत्री ने संसद में दोनों सेनाओं के पीछे हटने के समझौते का ऐलान किया था और इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाओं जो आमने-सामने आ गई थी, वो चरणबद्ध तरीके से पीछे हट रही है. समझौते के मुताबिक चीन को फिंगर 8 के पीछे अपने सिरजाप 2 पोस्ट के पास जाना है, जबकि भारत की सेना फिंगर 3 के पास धनसिंह थापा पोस्ट पर रहेगी.

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10 फरवरी की सुबह लगभग 10 बजे चीनी सेना ने अपने टैंकों को पेंगांग झील के दक्षिणी किनारे से पीछे हटाना शुरू किया. चीनी सेना ने पहले अपने तीन टैंक पीछे किए और फिर भारतीय सेना ने भी ऐसा ही किया, लेकिन भारतीय सेना के पीछे हटते हुए टैंक चीन के किसी भी धोखे को लेकर सावधान थे और आपात स्थिति में तुरंत वापस लौटने के लिए पूरी तैयारी की गई थी. रेजांग ला-रेचिन ला यानि आरआर कॉम्प्लेक्स के सामने चीन के 230 से ज्यादा टैंक वापस जाते हुए गिने गए.

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ये टैंक दो कतार में थे, पहली कतार भारतीय पोजीशनों से 500 मीटर दूर और दूसरी कतार एक से डेढ़ किमी दूर थी. भारतीय सेना मानसिक रूप से इस स्थिति के लिए भी तैयार थी कि चीन किसी एक टैंक के खराब होने का बहाना बनाकर कहीं वापसी रोक न दे, लेकिन 10 फरवरी को ही शाम 7 बजे तक दोनों ओर के ही टैंक चुशूल सेक्टर में पहाड़ियों और दूसरी जगहों से वापस लौट गए.

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चीन ने अपने टैंकों को 50 किमी दूर सेंगडांग बेस तक ले गया है, भारतीय सेना के टैंक भी एलएसी से 50 किमी पीछे चले गए हैं. रणनीतिक महत्व की इन पहाड़ियों पर भारतीय सेना ने 30-31 अगस्त को कार्रवाई कर अपना कब्जा कर लिया था. इस कार्रवाई के बाद पूर्वी लद्दाख में शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में हो गया था. इन चोटियों पर भारतीय सेना ने टैंक तैनात कर दिए थे और स्पांगुर झील-मोल्दो का पूरा इलाका भारतीय सेना की पहुंच में आ गया था. माना जाता है कि इसी कार्रवाई से पड़े मानसिक दबाव के कारण चीन पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 8 तक वापसी के लिए तैयार हुआ है. चीन ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4 तक के इलाके में घुसपैठ की थी. जवाब में भारतीय सेना ने फिंगर 4 के पास की ऊंचाइयों पर मोर्चे बनाकर चीनी सैनिकों को परेशान कर दिया था.

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चीनी सैनिकों ने फिंगर 4 के पीछे फिंगर 5 पर अपने बड़े मोर्चे बना लिए थे. यहां उन्होंने संगर, बंकर और ब्रेस्ट वॉल बनाई थी. साथ ही अस्थाई स्टोर और इमर्जेंसी मेडिकल स्टेशन भी बनाए थे. इसके अलावा चीन ने फिंगर 5 के पास एक हेलीपैड भी बनाया था. समझौते के बाद आई तस्वीरों में चीनी सेना ये सभी निर्माण तोड़ते हुए नजर आ रही है. चीनी सैनिकों को फिंगर 8 के पीछे सिरजाप 2 में अपनी पोस्ट तक वापस लौटना है. तस्वीरों में चीनी सैनिकों की लंबी कतार एलएसी (LAC) से पीछे जाती हुई नजर आ रही है. क्या है रेज़ांग ला? जहां भारतीय सेना के 120 जवानों ने 1300 चीनी सैनिकों को मार गिराया था

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सेना वापसी की जांच के लिए भी एक मैकेनिज़्म बनाया गया है और बुधवार को अभी तक की सेना वापसी की समीक्षा होगी. सब कुछ ठीक रहा तो इस हफ्ते पैंगोंग के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सेना वापसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और अगले सप्ताह कोर कमांडरों की 10 वें दौर की  बातचीत होने की संभावना है. 20 फरवरी तक सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, उसके 48 घंटे के अंदर डेपसांग मैदानों सहित दूसरी विवादित जगहों के बारे में समाधान निकालने के लिए कोर कमांडर स्तर की चर्चा शुरू होगी. इसे भी पढ़ें- Pangong विवाद की वजह को समझिए, क्या युद्ध चाहता है चीन?