नई दिल्लीः देश में चल रही तमाम समस्याओं के बीच कांग्रेस का अध्यक्ष कौन और CWC की बैठक एक बार फिर चर्चा में है. ठीक ही रहा कि संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कांन्फ्रेंस करके इतना बता दिया कि मई-जून में उनकी कांग्रेस को अध्यक्ष पद मिल जाएगा, नहीं तो हर बार की तरह इस बार भी सूत्रों के भरोसे रहना पड़ता. अब कम से कम इतना है कि जून में नया अध्यक्ष न मिले तो कांग्रेसी केसी वेणुगोपाल से घर-बाहर कहीं भी, जब चाहे जहां भी अपने अध्यक्ष का नाम-पता पूछ सकते हैं. सूत्रों के हवाले वाली खबर की पुष्टि तो खुद कांग्रेस भी नहीं कर पाती है औरों की बात ही क्या,
कमजोर कांग्रेस में मजबूत सूत्र
खैर, आज की मीटिंग में भी सूत्र काफी एक्टिव रहे थे. जब तक प्रेस कांन्फ्रेंस नहीं हुई थी, सारी बात बाहर पहुंचाने की जिम्मेदारी उनके ही मत्थे रही. देश के लगभग हर प्रदेश में कांग्रेस (Congress) का धागा खुला हुआ है और इस तितर-बितर वाली स्थिति में भी कांग्रेस ने अपने सूत्र इतने मजबूत रखे हुए हैं कि वे हर बार होने वाली मीटिंग से बीच में उठकर आते हैं और नया शिगूफा देकर चले जाते हैं.
ये अलग बात है कि कांग्रेस अपने ही सदस्यों और नेताओं को एक सूत्र में बांधने में विफल रही है, जिसके परिणाम और उदाहरण समय-समय पर कभी सचिन-गहलोत (Sachin Pilot - Ashok Gehlot) की तू-तू मैं मैं के तौर पर तो कभी कमलनाथ और सिंधिया की खुलेआम तकरार के तौर पर दिखते रहे हैं.
कांग्रेस में आखिरी पद वरिष्ठ कांग्रेसी
जानकारी के मुताबिक सूत्रों ने यह भी बताया कि शुक्रवार को हुई मीटिंग में एक बार फिर तू-तू मैं-मैं हुई है. खुदा खैर करे कि मीटिंग वीडियो कांन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए ही थी इसलिए सिर्फ जुबानी जंग तक ही रही. सूत्र कह रहे हैं कि बैठक में राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के बीच बहस हुई. दरअसल कांग्रेस उस दौर में है जहां नेताओं के पास वरिष्ठ कांग्रेसी से बड़ा कोई पद है नहीं दूसरी दिक्कत ये है कि इस पद पर लगातार लंबे समय से कई नेता हैं. ऊपर वाले पायदान पर बढ़ना चाहते हैं तो एक तो वहां जगह ही नहीं है क्योंकि वह सीट कभी अंतरिम हो जाती है कभी परमानेंट, लेकिन होती है सिर्फ गांधी (Gandhi) टाइटल के नाम..
बिना अध्यक्ष कांग्रेस लड़ेगी पांच राज्यों के चुनावः सूत्र
इस बीच सूत्रों ने बहुत बड़ी बात बताई. उन्होंने मीटिंग की अंदरखाने की बात बाहर लाकर कहा कि वरिष्ठों वाली टीम बड़ी भड़की हुई है. इतनी बड़ी कांग्रेस में अंदर ही अंदर बना ग्रुप-23 ने कहा कि हमें तुरंत चुनाव चाहिए, दूसरे वालों ने कहा-क्यों चाहिए? उन्होंने कहा- बस चुनाव चाहिए तो चाहिए. 2-3 घंटे यही सब होता रहा और फिर तारीख आई जून-2021.
किसी ने कहा कि हमारे चुनाव तो होते रहेंगे लेकिन इससे पहले पांच राज्यों के चुनाव तो देख लें पहलें. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस राज्यों वाले चुनाव बिना अध्यक्ष (Congress President) ही निपटाएगी या ऐसा कह लें कि अभी कांग्रेस इस मूड में नहीं है कि नए-नए बने किसी अध्यक्ष को तोहफे में पांच राज्यों की हार मिले.
याद आ रहा है रणदीप सुरजेवाला का बयान
इन सभी वरिष्ठों ने इसका हल निकाला है कि वे ये सिद्ध कर सकें कि कौन ऊपर वाले पायदान की ज्यादा बड़ी भक्ति कर सकता है. अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का कहना है कि जो बार-बार चुनाव की मांग कर रहे हैं उन्हें पार्टी नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. आनंद शर्मा का कहना है कि CWC के सदस्यों का चुनाव कराया जाए. इन सारी बहसों के बीच सूत्रों ने पहले ही बता दिया था कि अध्यक्ष का चुनाव जून 2021 में होगा.
वर्किंग कमेटी ने इसकी घोषणा की है. इस बीच पिछले दिनों कही रणदीप सुरजे वाला की कही बात याद आ रही है कांग्रेस के 99.99 फीसदी लोग राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नेतृत्व चाहते हैं. हालांकि सूत्र ये नहीं बता पाए कि वे .01 फीसदी लोग कौन हैं जो ऐसा नहीं चाहते हैं. जाते-जाते सूत्रों ने यह भी बताया कि CWC की बैठक में किसान आंदोलन की भी चर्चा हुई है. क्या चर्चा हुई है सूत्र कुछ देर में बताते हैं.
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