नई दिल्ली: Jai Shri Ram and Jay Siya Ram: आज 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है. अयोध्या ही नहीं,बल्कि पूरा देश राम के नारों से गूंज उठा है. हालांकि, दो नारे ऐसे हैं, जो ज्यादातर लोगों की जुबान पर हैं. इनमें पहला नारा 'जय श्री राम' है, जबकि दूसरा नारा 'जय सिया राम' है. खास बात ये है कि दोनों नारों पर दो वर्ग बंटे हुए और दोनों ही विपरीत विचारधारा के हैं. आइए जानते हैं.
अभिवादन करने का तरीका
आमतौर पर लोग देश के कई हिस्सों में गुड़ मॉर्निंग या नमस्ते की बजाय 'जय सिया राम' या 'राम-राम' कहते हैं. ऐसा बरसों से होता आ रहा है. शिव भक्त 'जय महाकाल' और कृष्ण भक्त 'हरे कृष्ण' कहकर भी दूसरे अभिवादन करते हैं.
'जय श्री राम' कैसे प्रचलित हुआ
लोग पहले 'जय सिया राम' का नारा ही लगाते थे. लेकिन रामानंद सागर के धारावाहिक 'रामायण' में 'जय श्री राम' कहा गया. यहां से ये नारा घर-घर में प्रचलित हो गया. राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों ने इस नारे का खूब प्रयोग किया. चूंकि, मंदिर आंदोलन में भाजपा की अहभ भूमिका थी, इसलिए यह नारा पार्टी विशेष से भी जुड़े गया. यही कारण है कि विपक्षी दल के कई नेता ये नारा नहीं लगाते हैं.
'जय श्री राम' Vs 'जय सिया राम' विवाद
'जय श्री राम' का नारा प्रचलित हुआ तो, विपक्षी दलों ने इसके 'जय सिया राम' को खड़ा किया. दरअसल, इनका तर्क है कि राम को सिया यानी सीता से अलग करके नहीं देखा जाता, इसलिए 'जय सिया राम' का नारा लगाना चाहिए. गीतकार जावेद अख्तर तो यह भी कह चुके हैं कि सीता और राम प्रेम के प्रतीक हैं. उनका नाम अलग से लेना पाप है.
जब 'जय श्री राम' सुनकर भड़कीं ममता
2019 ले लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की गाड़ी के पास कुछ लोग 'जय श्री राम' का नारा लगा रहे थे, ममता गाड़ी से उतरकर उन पर भड़क उठीं. उनका यह वीडियो पूरे देश के वायरल हुआ. इसके बाद ममता की कई रैलियों में 'जय श्री राम' के नारे लगे. हालांकि, ममता गुस्सा नहीं हुईं और 'जय बांग्ला' या 'हरे कृष्णा हरे राम, विदा हो बीजेपी-वाम' का नारा दिया.
राहुल ने बताया था ये फर्क
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी 'जय श्री राम' जे नारे से आपत्ति जता चुके हैं. उन्होंने एक रैली में कहा था कि BJP-RSS के लोग ‘जय श्री राम’ कहते हैं न कि ‘जय सिया राम’, क्योंकि वे सीता की पूजा नहीं करते हैं. राहुल ने कहा था कि 'जय सिया राम' का अर्थ है सीता और राम एक ही हैं. भगवान राम की जीवन शैली, उन्होंने सीता के लिए जो किया, उनका इस नारे में सम्मान होता है. जब हम 'जय सिया राम' कहते हैं, तो हम सीता को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं. राहुल ने दावा किया कि ये बात उन्हें एक पंडित ने कही थी.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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