Ram Mandir: सोनिया-खड़गे के बाद शरद पवार का अयोध्या जाने से इनकार, जानें क्यों लिया ये फैसला

Ram Mandir: सोमवार 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है. इसे लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में NCP प्रमुख शरद पवार को आमंत्रित किया गया है. हालांकि, उन्होंने बहुत ही सधी हुई भाषा में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने से इंकार कर दिया है.

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Jan 17, 2024, 12:20 PM IST
  • शंकराचार्यों ने भी जाने से कर दिया है इंकार
  • ‘मुझे न्योता मिला इसके लिए मैं आभारी हूं’
Ram Mandir: सोनिया-खड़गे के बाद शरद पवार का अयोध्या जाने से इनकार, जानें क्यों लिया ये फैसला

नई दिल्लीः Ram Mandir: सोमवार 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन समारोह है. इसे लेकर पूरे देश में खुशी का माहौल है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश-विदेश से लोगों को आमंत्रित किया गया है. रिपोर्ट्स की मानें, तो करीब-करीब 8000 लोगों को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से न्योता भेजा गया है. इनमें NCP प्रमुख शरद पवार का भी नाम शामिल है. हालांकि, शरद पवार ने बहुत ही सधी हुई भाषा में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने से इंकार कर दिया है.

‘मुझे न्योता मिला इसके लिए मैं आभारी हूं’
NCP प्रमुख शरद पवार ने मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘मुझे अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता मिला, इसके लिए मैं आपका आभारी हूं. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में फैले करोड़ों भक्तों की श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं. अयोध्या के समारोह में राम भक्त भारी संख्या में वहां पहुंच रहे हैं. उनके माध्यम से इस समारोह का आनंद मुझ तक भी पहुंचेगा.’ 

‘समारोह के बाद करूंगा राम लला का दर्शन’
उन्होंने आगे लिखा, ‘22 जनवरी के समारोह के समापन के बाद श्री राम लला का दर्शन सहजता और आराम से किया जा सकता है. मेरा अयोध्या आने का कार्यक्रम है. उस समय मैं पूरी श्रद्धा के साथ राम लला का दर्शन करूंगा. तब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका होगा. आपके स्नेहपूर्ण निमंत्रण के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं. समारोह की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें.’ 

शंकराचार्यों ने भी जाने से कर दिया है इंकार 
बता दें कि शरद पवार पहले कोई पहले शख्स नहीं हैं, जिन्होंने प्राण प्रतिष्ठा में आने से मना कर दिया है. इससे पहले चारों शंकराचार्यों के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी ने भी प्राण प्रतिष्ठा में जाने से इंकार कर दिया है. कांग्रेस ने बीजेपी के ऊपर इस समारोह के राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है. वहीं, शंकराचार्यों ने शास्त्रों का हवाला देते हुए समारोह में आने से मना कर दिया है. 

शंकराचार्यों का कहना है कि अभी तक मंदिर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है और जब तक मंदिर पूरी तरह से बन न जाए प्राण प्रतिष्ठा नहीं करनी चाहिए. हिंदू धर्म शास्त्र इसकी इजाजत नहीं देता और जो काम शास्त्र के अनुरूप न किया जाए वहां हम नहीं जा सकते हैं. 

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