Daily Panchang में आज 17 फरवरी 2021 का मुहूर्त और शुभ योग जानिए

केतु के पहले गण्डमूल नक्षत्र को अश्विनी नक्षत्र कहा जाता है. अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में शून्य अंश से प्रारम्भ होकर तेरह अंश बीस मिनट तक रहता है. जानिए पंचांग की पूरी जानकारी

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 17, 2021, 07:22 AM IST
  • आज 06:58 से रात्रि 10:35 तक शुभ मुहूर्त है
  • आज 12:35 से दोपहर 01.58 तक राहुकाल है
Daily Panchang में आज 17 फरवरी 2021 का मुहूर्त और शुभ योग जानिए

नई दिल्लीः आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. आज 17 फरवरी 2021 और दिन बुधवार है. मंदार षष्ठी और दारिद्र हर षष्ठी व्रत और पूजन भी आज है. इसके अलावा गुप्त नवरात्र भी चल रहे हैं. इसका छठवां दिन है. माता की विशेष पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. क्या है पंचांग में खास बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्य

मास- माघ मास
दिन- बुधवार
तिथि- शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि
आज का व्रत- मंदार षष्ठी और दारिद्र हर षष्ठी व्रत और पूजन भी है.
आज का व्रत- गुप्त नवरात्र का छठवां दिन

आज का नक्षत्र- गंडमूल अश्विनी नक्षत्र  
आज का योग- शुक्ल योग

आज का शुभ मुहूर्त- आज 06:58 से रात्रि 10:35 तक शुभ मुहूर्त. इस समय में कोई भी काम करना शुभ फलदायक होता है.
आज का राहुकाल- आज 12 बजकर 35 मिनट से दोपहर 01.58 तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान आपको कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.

क्या है शुक्ल योग
केतु के पहले गण्डमूल नक्षत्र को अश्विनी नक्षत्र कहा जाता है. अश्विनी नक्षत्र मेष राशि में शून्य अंश से प्रारम्भ होकर तेरह अंश बीस मिनट तक रहता है. जन्म के समय यदि चंद्रमा इन अंशों के मध्य स्थित हो तो यह गण्डमूल नक्षत्र में जन्म का समय माना जाता है.

अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म होने पर जीवन में अनेक कठिन परिस्थितियों एवं परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. माना जाता है कि पूर्व जन्म के कर्मों का फल इस नक्षत्र चरण में जन्म लेने के रूप में सामने आता है.

यह भी पढ़िएः सपने में मिला सोना तो बचा कर रखें अपना पर्स, नहीं तो जानिए क्या होगा

आज दारिद्र हर षष्ठी व्रत

माघ शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला दरिद्रता हरण षष्ठी को व्रत रखने का मूल उद्देश्य जहां घर में सुख समृद्धि को बरकरार रखना है वहीं मानवीय प्रयासों द्वारा गरीबों के दुखों को भी दूर करने का संदेश भी यह व्रत देता है. सुबह के समय घर में पुरुष और महिलाएं इस व्रत को रखते हैं.

सूर्य देवता को जल चढ़ाने के बाद गरीब व्यक्ति को वस्त्र, अन्न दान करना एवं भोजन कराना इस व्रत में अनिवार्य होता है. अपने सुखों की कामना के साथ गरीब, पीड़ित व्यक्तियों के दुखों को भी दूर करने की कामना के साथ यह व्रत रखा जाता है. शाम को सूर्यास्त के समय अन्न ग्रहण करके व्रत खोला जाता है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

 

 

ट्रेंडिंग न्यूज़