Daily Panchang 23 फरवरी 2021 में आज जया एकादशी, जानिए व्रत की पूजा विधि

जया एकदाशी को भी भगवान विष्णु की आराधना के लिए उनका व्रत रखा जाता है. पूजन में भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली तथा विशिष्ट सुगंधित पदार्थों अर्पित करना चाहिए. जया एकादशी का यह व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 23, 2021, 07:03 AM IST
  • आज 12:14 से दोपहर 12:54 तक तक शुभ मुहूर्त है
  • दोपहर 03:23 बजे से शाम 04.48 तक राहुकाल रहेगा
Daily Panchang 23 फरवरी 2021 में आज जया एकादशी, जानिए व्रत की पूजा विधि

नई दिल्लीः आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. आज 23 फरवरी 2021 और दिन मंगलवार है. आज आद्रा नक्षत्र है और इसके साथ ही सभी मनोकामनाओं को पूरी करने वाली जया एकादशी भी आज है. एकादशी कि तिथियां भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं.

इसलिए इस दिन उनकी खास अराधना की जाती है. आज के शुभ मुहूर्त और राहुकाल के बारे में बता रहे हैं.आचार्य विक्रमादित्य-

मास- माघ मास
दिन- मंगलवार
तिथि- शुक्ल पक्ष, एकादशी तिथि
आज का व्रतः आज अति शुभ जया एकादशी है
शुक्ल एकादशी, भोमै एकादशी

आज का नक्षत्र-  आद्रा नक्षत्र 

आज का योग- उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रदाता आयुष्मान योग और परम सौभाग्य देने वाला सौभाग्य योग है 

आज का शुभ मुहूर्त- आज  12:14 से दोपहर 12:54 तक तक शुभ मुहूर्त. इस समय में कोई भी काम करना शुभ फलदायक होता है.
आज का राहुकाल- आज दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से शाम 04.48 तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान आपको कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.

एकादशी कि तिथियां भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं. इसलिए इस दिन उनकी खास अराधना की जाती है. जया एकदाशी को भी भगवान विष्णु की आराधना के लिए उनका व्रत रखा जाता है. पूजन में भगवान विष्णु को पुष्प, जल, अक्षत, रोली तथा विशिष्ट सुगंधित पदार्थों अर्पित करना चाहिए. जया एकादशी का यह व्रत बहुत ही पुण्यदायी होता है.

माना जाता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक व्रत करने वाले व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है.

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जया एकादशी व्रत की पूज-विधि जानिए
1.  जया एकादशी व्रत के लिए उपासक को व्रत से पूर्व दशमी के दिन एक ही समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए. व्रत करने वाले को संयमित और ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए.
2.  प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर धूप, दीप, फल और पंचामृत आदि अर्पित करके भगवान विष्णु के श्री कृष्ण अवतार की पूजा करनी चाहिए.
3.  रात्रि में जागरण कर श्री हरि के नाम के भजन करना चाहिए.
4.  द्वादशी के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिये.

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