CWG 2022: सिर्फ 14 की उम्र में कर रही है भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व, अब देश के लिये जीतेगी सोना

Commonwealth games: कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से हिस्सा लेने वाली सबसे कम उम्र की स्क्वॉश स्टार अनाहत सिंह रॉष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिये पहला पदक जीतने के लिये पूरी तरह से तैयारी हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 28, 2022, 10:53 AM IST
  • अब तक 50 से ज्यादा खिताब जीत चुकी हैं अनाहत
  • सबसे कम उम्र की स्क्वैश खिलाड़ी हैं अनाहत
CWG 2022: सिर्फ 14 की उम्र में कर रही है भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व, अब देश के लिये जीतेगी सोना

Commonwealth games: बर्मिंघम में गुरुवार से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय दल की ओर से 215 खिलाड़ियों का दल हिस्सा लेता नजर आयेगा, जिसमें सबसे कम उम्र की अनाहत सिंह भी हिस्सा लेती नजर आयेंगी. 14 वर्षीय भारतीय दल की सबसे कम उम्र की सदस्य और यूएस जूनियर ओपन खिताब जीतने वाली एकमात्र भारतीय लड़की है. 

अब तक 50 से ज्यादा खिताब जीत चुकी हैं अनाहत

भारत की युवा स्क्वैश स्टार अनाहत सिंह ने ब्रिटिश, जर्मन और डच जूनियर ओपन और एशियाई चैंपियनशिप ट्राफियां भी जीती हैं. भारतीय जूनियर सर्किट में अपनी सफलता के साथ उन्होंने 50 से अधिक खिताब जीते हैं और अब कॉमनवेल्थ गेम्स में बेहतर करने के लिए उत्सुक हैं. उम्मीद है कि स्क्वैश के सबसे बड़े मंच पर जूनियर के रूप में अपनी प्रतिष्ठा का परीक्षण करने में कामयाब रहेंगी. 

अनाहत ने बर्मिघम राष्ट्रमंडल गेम्स की आयोजन समिति से बातचीत में कहा, "एक मैच में मैं दो गेम से पिछड़ गईं थीं, लेकिन पांच-सेटर में जीती थीं. तब से मैंने काफी सुधार किया है, इसलिए मेरे और अन्य लड़कियों के बीच का अंतर बहुत बड़ा है."

सबसे कम उम्र की स्क्वैश खिलाड़ी हैं अनाहत

अनाहत बर्मिघम 2022 में सबसे कम उम्र की स्क्वैश खिलाड़ी हैं और उन्होंने शुक्रवार (29 जुलाई) को स्क्वैश प्रतियोगिता के शुरूआती दिन सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के जैडा रॉस के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत की. अनाहत ने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया, लेकिन अपनी बड़ी बहन अमीरा के प्रभाव के कारण स्क्वैश की ओर आकर्षित हुई, जो अब हार्वर्ड विश्वविद्यालय की छात्रा है.

उन्होंने कहा, "मैं पहली बार इसके लिए तैयार थीं क्योंकि मुझे दीवार से टकराने वाली गेंद की आवाज पसंद थी. मुझे विभिन्न खेलों की खोज करना पसंद है लेकिन यह स्क्वैश है जिसे मैं किसी भी अन्य से ज्यादा प्यार करती हूं. मैं कोर्ट के आसपास बहुत तेज हूं और मैं हार नहीं मानती, भले ही स्कोर मेरे खिलाफ हो."

भारत के राष्ट्रीय कोच साइरस पोंचा ने कहा, "ये खेल उनके लिए बड़े पैमाने पर होंगे. उनके पास अच्छी प्रतिभा है और उनके साथ काम करना बहुत आसान है. उसकी सबसे बड़ी ताकत उसकी गति है और वह कई अन्य जूनियर्स के विपरीत गेंद को सीधे हिट करती हैं.

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