Ravi Shastri on Team India Fielding: मोहाली के आईएस बिंद्रा स्टेडियम में खेले गये मैच के दौरान भारतीय फैन्स को मैच के शुरुआती दौर में काफी खुश होने का मौका मिला, हालांकि जैसे-जैसे मैच खत्म होता गया वैसे-वैसे उनके चेहरे की मुस्कान कम होती चली गई. भारतीय टीम ने इस मैच में टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 208 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसके बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि भारतीय टीम इस स्कोर को आसानी से बचा ले जाएगी. हालांकि ऐसा हुआ नहीं और ऑस्ट्रेलिया की टीम ने कैमरुन ग्रीन, स्टीव स्मिथ और मैथ्यू वेड की पारियों के दम पर आसान जीत हासिल कर ली.
डेथ ओवर्स में गेंदबाजों ने लुटाए रन
ऐसा नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इस मैच को एकतरफा अंदाज में जीता है. भारतीय टीम दूसरी पारी के 17 ओवर समाप्त हो जाने के बाद भी मैच में जीत हासिल करने की दहलीज पर खड़ी थी. लेकिन 18वें ओवर में हर्षल पटेल ने 22 रन तो वहीं पर भुवनेश्वर कुमार ने 19वें ओवर में 16 रन देकर मैच को एकतरफा कर दिया जिसके चलते भारतीय टीम मैच हार गई.
भारतीय टीम के लिये इस मैच में आई थोड़ी सी ओस से ज्यादा उसकी लचर फील्डिंग ने परेशान किया जिसके चलते उसे हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम ने इस दौरान 3 कैच छोड़े जिसमें एक कैच मैच बदलने वाले कैमरुन ग्रीन का भी था. भारतीय टीम की इस घटिया गेंदबाजी को देखते हुए पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने अपनी निराशा जताई है और जमकर लताड़ा है.
फील्डिंग के स्तर को देख भड़के रवि शास्त्री
शास्त्री की बात करें तो ऐसे बहुत कम ही मौके होते हैं जब वो भारतीय टीम की आलोचना करते नजर आते हैं, हालांकि उन्होंने मोहाली के मैच के बाद इस फील्डिंग को स्लॉपी (लापरवाह) करार दिया. शास्त्री के कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम की फील्डिंग का स्तर काफी ऊपर रहता था और खुद उन्होंने कई मौकों पर इसकी तारीफ की है.
मैच के बाद उन्होंने कहा,'अगर आप पिछले कुछ सालों में टॉप पर रहने वाली टीमों पर नजर डालते हैं तो आप देखेंगे कि वो युवा और अनुभव का कॉम्बिनेशन होता है. मुझे इस मैच में वो युवापन नजर नहीं आया है और उसका असर फील्डिंग में भी दिखा. अगर आप पिछले 5-6 सालों में भारतीय टीम की फील्डिंग देखते हैं तो मुझे लगता है कि कोई भी टीम टॉप पर नहीं है. बड़े मौकों पर यह अंतर पैदा करने वाली होती है क्योंकि सिर्फ फील्डिंग से ही आप 15-20 रन बचा सकते हैं. लेकिन इस मैच में मुझे वो ब्रिलिएंस वो एक्स फैक्टर नजर नहीं आया.'
ऐसा रहा तो बड़े टूर्नामेंट में मिलेगी हार
शास्त्री ने आगे बात करते हुए कहा कि भारतीय टीम में जडेजा के नहीं होने का फर्क साफ नजर आया. मैं आज के मैच के बाद भारतीय टीम के फील्डिंग स्तर से काफी निराश हूं. मेरा मतलब है कि इतना लचर प्रदर्शन देखना बहुत निराशाजनक था. मुझे लगता है कि फील्डिंग के लिहाज से भारत को काफी सुधार करने होंगे क्योंकि अगर बड़े मुकाबलों में आपको बड़ी टीम को हराना है तो फील्डिंग का दुरुस्त होना बेहद जरूरी है.
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