भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बने गंभीर, हार न मानने के जज्बे वाले खिलाड़ी ने बताया क्या है लक्ष्य?

कभी हार न मानने के जज्बे के कारण भारतीय क्रिकेट में अलग पहचान बनाने वाले गौतम गंभीर को अपनी शर्तों पर काम करने वाला व्यक्ति भी माना जाता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 9, 2024, 11:56 PM IST
  • टीम इंडिया के कोच बनाए गए गंभीर.
  • कोच बनने के बाद गंभीर ने दी प्रतिक्रिया.
भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बने गंभीर, हार न मानने के जज्बे वाले खिलाड़ी ने बताया क्या है लक्ष्य?

नई दिल्ली. गौतम गंभीर को मंगलवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया. इस चयन के साथ बोर्ड को उम्मीद है कि वह इस पद पर ‘दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता’ लाएंगे जिस पर हाल तक राहुल द्रविड़ ‘शानदार सफलता’ के साथ काबिज थे. साल 2011 में वनडे विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाने वाले 42 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज गंभीर द्रविड़ की जगह लेने की दौड़ में सबसे आगे थे.

पहला दौरा श्रीलंका
भारत के कोच के रूप में गंभीर का पहला दौरा श्रीलंका का होगा जहां टीम 27 जुलाई से तीन टी20 और इतने ही वनडे मैच की सीरीज खेलेगी. एक खिलाड़ी के तौर पर गंभीर ने अपनी कप्तानी में 2012 और 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल खिताब दिलाया. 2024 में आईपीएल खिताब जीतने वाली नाइट राइडर्स टीम के मार्गदर्शक (मेंटर) के तौर पर अपनी कोचिंग साख साबित की.

क्या बोले गंभीर
गंभीर ने कहा-अपने तिरंगे, अपने लोगों और अपने देश की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है. मैं इस अवसर पर राहुल द्रविड़ और उनके सहयोगी स्टाफ को टीम के साथ उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई देना चाहता हूं. मैं टीम इंडिया के मुख्य कोच की भूमिका निभाने को लेकर सम्मानित और रोमांचिक महसूस कर रहा हूं. खेलने के दिनों से ही भारतीय जर्सी पहनने पर मुझे हमेशा गर्व होता था और जब मैं यह नई भूमिका निभाऊंगा तो यह उससे अलग नहीं होगा

अपनी शर्तों पर काम करने वाले व्यक्ति
कभी हार न मानने के जज्बे के कारण भारतीय क्रिकेट में अलग पहचान बनाने वाले गौतम गंभीर को अपनी शर्तों पर काम करने वाला व्यक्ति भी माना जाता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम के मुख्य कोच की भूमिका में वह किस तरह से आगे बढ़ते हैं. बता दें कि गंभीर वह खिलाड़ी हैं जिन्होंने वीरेंद्र सहवाग के साथ मिलकर भारतीय सलामी जोड़ी को नई दिशा दी थी लेकिन उन्हें अपने मुखर व्यक्तित्व के लिए भी जाना जाता है और यही वजह है कि वनडे विश्व कप 2011 में खिताब जीत का श्रेय केवल महेंद्र सिंह धोनी को मिलने पर उन्होंने जब तब आपत्ति जताई.

ऐसा रहा है करियर
गंभीर का जन्म 14 अक्तूबर 1981 को दिल्ली में हुआ और उन्होंने अपने राज्य के ही साथी सहवाग के साथ मिलकर भारत की सबसे मजबूत सलामी जोड़ी बनाई. गंभीर ने 2004 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया लेकिन 2008 तक उनका करियर उतार चढ़ाव वाला रहा. इस बीच पहले 17 टेस्ट मैच में वह केवल एक शतक लगा पाए थे लेकिन इसके बाद अगले 14 टेस्ट मैच में 8 सेंचुरी लगाने में सफल रहे. हालांकि बाद में टेस्ट मैचों में उनका फार्म गड़बड़ा गया और आखिरी 17 टेस्ट मैच से वह शतक लगाने में नाकाम रहे.

वनडे क्रिकेट मैचों में वह लगातार अपनी छाप छोड़ते रहे हैं. IPL में कोलकाता नाइटराइडर्स ने उनकी अगुवाई में 2012 और 2014 में खिताब जीता था. उन्हें IPL में सबसे अधिक कीमत (11 करोड़ रुपये से भी अधिक) में खरीदा गया था. गंभीर के नाम पर 4000 से अधिक टेस्ट और 5000 से अधिक वनडे रन दर्ज हैं.

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