नई दिल्लीः चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से उत्साहित इसरो के प्रमुख एस.सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि चंद्रमा में दिलचस्पी अभी खत्म नहीं हुई है और अंतरिक्ष एजेंसी अब उसकी सतह से कुछ चट्टानी पत्थर लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. सोमनाथ ने यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी) में राष्ट्रपति भवन विमर्श श्रृंखला पर अपने व्याख्यान में चंद्रमा से चट्टानी पत्थर लाने के मिशन का विवरण साझा किया.
जानिए क्या बोले सोमनाथ
सोमनाथ ने कहा, “चंद्रमा को लेकर हमारी दिलचस्पी अभी खत्म नहीं हुई है. मैं राष्ट्रपति जी को आश्वासन देता हूं कि हम चंद्रमा से कुछ चट्टानी पत्थर लाएंगे.” सोमनाथ ने कहा कि नमूने लाने का मिशन बहुत जटिल है और सब कुछ स्वायत्त रूप से किया जाना है . दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा, “इसलिए हम फिलहाल इस तरह के मिशन पर काम कर रहे हैं और हम इसे अगले चार साल में पूरा करना चाहेंगे. यही हमारा लक्ष्य है.”
अपनी लगभग 40 मिनट की बातचीत के दौरान, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख ने कहा कि “एक भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने” का मिशन जारी है.
वहीं, इसरो वर्ष 2040 तक भारतीय यात्री को चांद पर भेजने की योजना बना रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि इस मिशन के लिए भारतीय वायुसेना से चार नामित-अंतरिक्ष यात्री चुने गए हैं. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद पहली बार भारतीयों को चंद्रमा पर पहुंचाने की योजना बनाने पर पूरे जोश से काम हो रहा है.
सोमनाथ ने यह भी कहा कि वर्ष 2025 में प्रस्तावित गगनयान कार्यक्रम के जरिये अंतरिक्ष में अगला कदम बढ़ाया जा रहा है.
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