Tokyo Olympic: 41 साल बाद हॉकी में रचा इतिहास, ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में भारत

Tokyo Olympic 2020: भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ब्रिटेन को 3-1 की बढ़त से हरा दिया है. भारत ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 1, 2021, 07:08 PM IST
  • 41 साल बाद टोक्यो ओलंपिक में चक दे इंडिया
  • ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में भारतीय हॉकी टीम
Tokyo Olympic: 41 साल बाद हॉकी में रचा इतिहास, ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में भारत

नई दिल्ली: Indian Hockey Team in Tokyo Olympic 2020: भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारत ने ब्रिटेन को 3-1 से मात दी. अब अगले मुकाबले में भारत की बेल्जियम से टक्कर होगी.

टोक्यो ओलंपिक में चक दे इंडिया

हॉकी यानि वो खेल जिसने भारत को ओलंपिक इतिहास के सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल दिए हैं. वो खेल जो पिछले कुछ समय में एक अंधेरे में जी रहा था, लेकिन टोक्यो ओंलंपिक से इसकी एक नई शुरुआत हो चुकी है. एक नए सवेरा है, जो सुनहरे इतिहास को दोहराने की तरफ बढ़ रहा है. भारतीय हॉकी टीम 1980 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाने में कामयाब हो गई है.

क्वार्टर फाइनल में भारत का मुकाबला ब्रिटेन से हुआ. जिसमें उसने 3-1 से जीत हासिल की. इससे पहले 1980 ओलंपिक में भारत ने गोल्ड मेडल जीता था, तो वहीं 1984 ओलंपिक में टीम पांचवे नंबर पर रही थी. इस बार टीम बेहतरीन और इरादे मजबूत हैं. टोक्यो में एक हार के अलावा जिस तरह टीम इंडिया ने प्रदर्शन दिखाया है, उसने एक नई उम्मीद जगाई है.

भारतीय हॉकी टीम ने ब्रिटेन को दी मात

टोक्यो में अपने ग्रुप स्टेज में भारत दूसरे नंबर पर रहा, अपने 5 खेले मुकाबलों में से 4 में जीत दर्ज की. वहीं ग्रेट ब्रिटेन को 5 मैचों में सिर्फ 2 जीत मिली, जबकि उसके 2 मुकाबले ड्रॉ रहे और एक में उसे हार मिली. वहीं अगर रैंकिंग की बात करें तो भारत तीसरे नंबर पर है तो वहीं ब्रिटेन पांचवे नंबर पर है. जीत हासिल कर भारत ने ये साबित किया कि 'हम किसी से कम नहीं'

पहले से ही आंकड़े भारत के साथ थे. आंकड़ों के अलावा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास भी इशारा कर रहा था कि टीम मानसिक तौर पर कितनी मजबूत थी, इसका नजारा मैच के दौरान देखा गया. ओलंपिक के दूसरे ही मैच में ऑस्ट्रेलिया से मिली. करारी हार के बाद भी टीम ने हौंसले बुलंद रखे और क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया और अब सेमीफाइनल पर सभी की निगाहें टिकी हैं.

सुनहरे इतिहास को दोहराने की ओर भारत

जहां इस बार हॉकी टीम सेमीफाइनल तक पहुंची है, तो वहीं पिछले तीन ओलंपिक में ऐसा प्रदर्शन रहा जिसने करोड़ों के दिल तोड़ें. बीजिंग ओलंपिक में टीम क्वालिफाई करने में नाकाम रही, तो वहीं लंदन और रियो ओलंपिक में टीम आखिरी नंबर पर रही.

लेकिन टोक्यो में उस काले इतिहास को टीम पीछे छोड़ चुकी है और अब उस सुनहरे इतिहास को दोहराने की तरफ बढ़ रही है जब ओलंपिक में भारतीय टीम के होने का मतलब होता था सिर्फ गोल्ड.. भारत के नाम 8 ओलंपिक गोल्ड मेडल है, जो टीम ने 1928 से 1980 के बीच जीते. 8 गोल्ड के अलावा 2 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज भी भारत के नाम हैं.

उस सुनहरे दौर के बाद भारतीय हॉकी ने कई उतार चढ़ाव देखे. क्वालिफाई तक ना कर पाने से लेकर आखिरी नंबर पर रहने तक, लेकिन अब हॉकी के अच्छे दिन फिर से लौटे हैं. कप्तान मनप्रीत की अगुवाई वाली टीम उम्मीद जगा रही है कि एक बार फिर चक दे इंडिया का समय लौट आया है.

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