टीम इंडिया से बार बार बाहर होने पर छलका धुरंधर खिलाड़ी का दर्द, कहा- 'झेल पाना आसान नहीं'

यूएई में होने वाले एशिया कप में हालांकि एक बार फिर नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत के लिए उन्हें जगह खाली करनी होगी. जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरे वनडे में सैमसन मैन ऑफ द मैच रहे थे. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 22, 2022, 07:48 PM IST
  • सैमसन ने 2015 में ही कर लिया था डेब्यू
  • टीम इंडिया में अब तक जगह पक्की नहीं कर सके
टीम इंडिया से बार बार बाहर होने पर छलका धुरंधर खिलाड़ी का दर्द, कहा- 'झेल पाना आसान नहीं'

नई दिल्ली: भारतीय टीम के पास इस समय बेंच पर कई धाकड़ खिलाड़ी मौजूद हैं. यहां तक कि शिखर धवन जैसे अनुभवी बल्लेबाज का स्थान भी टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में पक्का नहीं है. ऐसे में कई खिलाड़ियों में अनिश्चितता बरकरार रहती है जो उनके करियर को नुकसान पहुंचाती है. 

भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान भारतीय टीम में नियमित रूप खेलने का मौका नहीं मिल पाना उनके लिए मुश्किलों भरा रहा है लेकिन वह सकारात्मक रहने को प्राथमिकता देते हैं. 

2015 में ही कर लिया था डेब्यू

किशोरावस्था में ही अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरने वाले सैमसन ने यहां 2015 में जिंबाब्वे के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया लेकिन तब से केरल के इस क्रिकेटर ने अब तक सिर्फ सात वनडे और 16 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले ही खेले हैं. सैमसन को अंतत: हाल में आयरलैंड, वेस्टइंडीज और जिंबाब्वे के दौरे पर जाने वाली दूसरे दर्जे की भारतीय टीम में जगह मिली. 

यूएई में होने वाले एशिया कप में हालांकि एक बार फिर नियमित विकेटकीपर ऋषभ पंत के लिए उन्हें जगह खाली करनी होगी. सैमसन ने भारत-जिंबाब्वे श्रृंखला के आधिकारिक प्रसारणकर्ता से कहा, ‘‘मैं इस चीज पर विश्वास करता हूं कि आपके करियर में चाहे जो भी हो आपको इसे सकारात्मक रूप से लेना चाहिए. यह काफी मुश्किल होता है, निश्चित तौर पर आपको परेशान करता है जब आपको पता होता है कि आपके सभी मित्र खेल रहे हैं और आप नहीं.’’ 

दूसरे वनडे में मैन ऑफ द मैच रहे सैमसन

काफी कम मुकाबले खेलने के बावजूद सैमसन भाग्यशाली हैं कि उनके अच्छी संख्या में प्रशंसक हैं. शनिवार को यहां जिंबाब्वे के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 162 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए नाबाद 43 रन बनाने के अलावा तीन कैच पकड़कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने के लिए मैन आफ द मैच बने सैमसन ने कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि भारत के लिए काफी कम खेलने के बावजूद मुझे अच्छा समर्थन मिलता है. ’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यहां (दर्शकों के बीच) काफी मलयाली हैं क्योंकि मुझे ‘चेत्ता-चेत्ता’ (बड़ा भाई) सुनाई देता है जिससे मुझे गर्व महसूस होता है.’’ आईपीएल इतिहास में राजस्थान रॉयल्स के दूसरी बार इस साल फाइनल में जगह बनाने के दौरान टीम की अगुआई करने वाले सैमसन ने एक खिलाड़ी के रूप में अपनी प्रगति का श्रेय घरेलू क्रिकेट को दिया.

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