Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक के ये ऐतिहासिक पल हमेशा रहेंगे अमर

टोक्यो ओलंपिक में तकरीबन 11 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया था. इनमें से कई खिलाड़ियों को खाली हाथ टोक्यो से लौटना पड़ा लेकिन उनकी खेलभावना ने सभी का दिल जीत लिया.  

Written by - Adarsh Dixit | Last Updated : Aug 9, 2021, 10:55 PM IST
  • टोक्यो ओलंपिक का हुआ समापन
  • 2024 में पेरिस में सजेगा ओलंपिक मंच
Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक के ये ऐतिहासिक पल हमेशा रहेंगे अमर

नई दिल्ली: जापान की राजधानी टोक्यो में 32 वें ओलंपिक खेलों का समापन हो चुका है. कोरोना संकट के बीच टोक्यो ओलंपिक अपने कई ऐतिहासिक लम्हों और पलों के लिये हमेशा याद रखा जाएगा.

भारत ने भी टोक्यो ओलंपिक में इतिहास का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 7 इवेंट्स में मेडल जीते. टोक्यो ओलंपिक में तकरीबन 11 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया था. इनमें से कई खिलाड़ियों को खाली हाथ टोक्यो से लौटना पड़ा लेकिन उनकी खेलभावना ने सभी का दिल जीत लिया.  

ओलंपिक में खिलाड़ियों के बीच अक्सर कड़वाहट भरी स्पर्धा देखी जाती है लेकिन एथलेटिक्स की एक इवेंट में ऐसी घटना घटी जिसने सभी का दिल जीत लिया. ओलंपिक में पुरुषों की हाई जंप स्पर्धा (ऊंची कूद) के दौरान कतर के मुताज इसा बरशीम और इटली के गियानमार्को टेम्बरी ने गोल्ड मेडल शेयर किया. 

जब दोनों ही खिलाड़ी ऊंची कूद के आखिरी राउंड में निर्धारित ऊंचाई पर नहीं पहुंच सके. तब उन्हें मैच रेफरी ने अपने पास बुलाकर कहा कि विजेता का निर्धारण होने तक आप लोग अपनी-अपनी जंप जारी रखें. लेकिन कतर के एथलीट मुताज इसा बरशीम ने उनकी बात बीच में ही काटते हुए पूछा कि  क्या एक इवेंट में दो विजेता हो सकते हैं तो रेफरी ने हामी भर दी. ये सुनकर दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

कतर के बरशीम ने तुरंत अपने प्रतिद्वंद्वी इटली के टम्बेरी को गले लगाकर इस बात की पुष्टि कर दी कि दोनों को साझा रूप से विजेता घोषित किया गया. ओलंपिक खेलों के इतिहास में इस घटना को अविस्मरणीय खेल भावना के लिये हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था. 

जिस खेल में खिलाड़ी एक एक प्वाइंट के लिये जद्दोजहद करते हों उस खेल में अपना मेडल ही विरोधी एथलीट से साझा करने की पहल अविस्मरणीय और अद्वितीय है. 

टोक्यो ओलंपिक में दूसरा सबसे बड़ा कारनामा किया. ऑस्ट्रेलिया की 27 वर्षीय महिला तैराक एमा मैकॉन ने. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए सबसे ज्यादा सात पदक हासिल किए जिसमें 4 गोल्ड और 3 कांस्य पदक हासिल किए. सात पदकों में से चार टीम स्पर्धा के और तीन व्यक्तिगत पदक शामिल हैं. मेकॉन ने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक खेलों में सोवियत संघ की महिला खिलाड़ी मारिया गोरखोवस्कया के सबसे ज्यादा पदक जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी की. मारिया ने भी कुल सात पदक जीतकर अनोखा रिकॉर्ड बनाया था. 

इस बार भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक मेडल जीता था. भारतीय टीम ने ओलंपिक इतिहास में सबसे ज्यादा बार स्वर्ण पदक जीता है. टोक्यो ओलंपिक के ऐतिहासिक पलों में से ये भी एक यादगार पल रहा है कि भारत ने हॉकी में 4 दशक बाद पोडियम तक का सफर तय किया. 

बरमुडा की फ्लोरा डफी ने ओलंपिक की महिला ट्रायथलॉन इवेंट में अपने देश के लिये पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. इसी इवेंट के दौरान बेहद मार्मिक और खेल भावना से भरा हुआ वाकया हुआ. दरअसल नॉर्वे की लॉटी मिलर ने 24 वें स्थान पर रेस खत्म करके ट्रैक पर आराम करने बैठ गईं. ऐसे में उनका ध्यान क्लेयर मिशेल की ओर गया जो दर्द में भी रेस खत्म करने की कोशिश कर रही थीं. 

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क्लेयर मिशेल को देखकर लॉटी मिलर का दिल उनका "दिल भर आया" और उनके रेस खत्म करते ही भावुक अंदाज में गले लगा लिया. इन तस्वीरों ने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी. मिलर ने मिशेल से कहा, "कठिन समय में दृढ़ता दिखाना ही ओलंपिक भावना है और यह सच है कि आपके लिये इसके बहुत मायने हैं. आप एक फाइटर हैं और आप इसमें 100% सफल रही हैं. 

ये ऐसी घटनाएं हैं जिनके लिये टोक्यो ओलंपिक हमेशा यादगार बना रहेगा. 3 साल बाद 2024 में ओलंपिक खेल फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित होंगे और इनमें भी इसी तरह का उत्साह और जोश देखने को मिलेगा.

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