साउथैम्पटन: भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले के दूसरे दिन लंच के बाद अंपायर की एक भूल भारतीय टीम को भारी पड़ सकती थी. लेकिन किस्मत ने भारतीय टीम का साथ दिया और उसे कोई खामियाजा नहीं उठाना पड़ा.
ये रोचक वाकया पारी के 41वें ओवर की आखिरी गेंद पर हुआ. ट्रेंट बोल्ट इसी ओवर में चेतेश्वर पुजारा का विकेट हासिल करने के बाद विराट कोहली के सामने गेंदबाजी कर रहे थे. विराट कोहली के खिलाफ फेंकी उनकी आखिरी गेंद लेग स्टंप के बाहर जा रही थी और विराट उसे खेलना चाहते थे लेकिन गेंद के विकेटकीपर बीजे वॉटलिंग के हाथ में पहुंचते ही बोल्ट ने अंपायर से अपील कर दी.
बोल्ट को था यकीन, रिव्यू लेने से चूक गए विलियमसन
बोल्ट को यकीन था कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर के हाथ में गई थी. ऐसे में कीवी खिलाड़ियों के बीच रिव्यू लेने के लिए मंत्रणा हो रही थी और तय समय भी निकल गया लेकिन अंपायर रिचर्ड एलिंगवर्थ ने अपने आप ही तीसरे अंपायर के पास मदद के लिए पहुंच गए.
तीसरे अंपायर के पास खुद गए फील्ड अंपायर
अंपायर के ऐसा करते ही दर्शकों और विराट कोहली को इस निर्णय से आश्चर्य हुआ कि जब न्यूजीलैंड के कप्तान ने रिव्यू नहीं लिया तो फील्ड अंपायर तीसरे अंपायर के पास मदद के लिए क्यों गए? हालांकि अंपायर की ये भूल कीवी टीम के लिए फायदेमंद साबित हुई, क्योंकि कीवी खिलाड़ियों को पूरा यकीन था कि गेंद विराट के बल्ले से लगकर विकेटकीपर के ग्लव्स में पहुंची है. इस तरह उनका एक रिव्यू बच गया. हालांकि थर्ड अंपायर के फैसले से भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की जान में जान आई.
1 अप्रैल, 2021 से लागू हुआ है नया नियम
हर किसी को लग रहा था कि अंपायर यह जानने के लिए तीसरे अंपायर के पास गए हैं कि विकेटकीपर ने सही तरीके से गेंद को लपका है या नहीं लेकिन तीसरे अंपायर ने अल्ट्राएज की मदद निर्णय के लिए की. लेकिन हकीकत यह है कि 1 अप्रैल, 2021 को आईसीसी ने नियमों में बदलाव किया है कि फील्ड अंपायर गेंद का बल्ले से संपर्क हुआ है या नहीं इस बात का निर्णय करने के लिए तीसरे अंपायर की मदद ले सकता हैं. ये जानकारी लोगों तक पहुंचती तब तक सोशल मीडिया पर हंगामा मच चुका था.
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