नई दिल्ली: भारत में अभी इंडियन प्रीमियर लीग चल रहा है. आईपीएल का यह 16वां सीजन है. इस समय हर देश अपने यहां घरेलू टी 20 लीग करवा रहा हैं . टी20 मैचों पर भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि दुनिया भर में टी20 लीगों की बढ़ती संख्या से द्विपक्षीय क्रिकेट खासकर वनडे प्रारूप को नुकसान हो रहा है और सभी फ्रेंचाइजी का झुकाव खिलाड़ियों को लंबे समय के लिए टीम के साथ जोड़ने का रहता है.
शास्त्री ने टी20 क्रिकेट के लिए कही ये बात
शास्त्री ने मीडिया से कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि टी 20 लीग के वजह से द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को नुकसान होगा. दुनिया भर में जिस तरह से लीग की संख्या बढ़ रही है उससे ऐसा लगता है कि क्रिकेट भी अब फुटबॉल की राह पर जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि टीमें विश्व कप से पहले इकट्ठा होकर आपस में थोड़ा बहुत द्विपक्षीय क्रिकेट खेलेंगी, क्लब टीमों को छोड़ेंगे वहीं खिलाड़ी विश्व कप खेलेंगे. आपको पसंद आये या नहीं लेकिन कुछ दिनों में ऐसा ही होने वाला है.
क्रिकटरों के भविष्य पर खतरा
रवि शास्त्री ने आगे कहा कि टी 20 लीग में मुझे कोई बुराई नहीं लगती लेकिन इससे 50 ओवरों के क्रिकेट को नुकसान होगा. शास्त्री ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के देश के लिए खेलने के बजाय क्लब को तरजीह देने के बारे में कहा कि आने वाले समय में यह चलन और भी बढ़ेगा. उन्होंने आगे कहा कि देश में एक अरब 40 करोड़ लोग हैं और सिर्फ 11 खिलाड़ी ही देश के लिये खेल सकते हैं तो बाकी के क्रिकेटर क्या करेंगे. उनको इस फ्रेंचाइजी क्रिकेट के जरिये ही दुनिया भर में खेलने का मौका मिल रहा है तो वह क्यों नहीं खेलेंगे. यह उनकी आजीविका है.
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